मुलायम पर भारी पड़ रहे अखिलेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में हुई अब तक की सबसे बड़ी उथल-पुथल के बीच समाजवादी पार्टी से बर्खास्त मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच आज शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर पार्टी विधायकों की बैठक बुलायी, जिसमें सपा के 229 में से ज्यादातर विधायकों के साथ-साथ खासी तादाद में विधान परिषद सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसके जरिये साबित करने की कोशिश की गयी कि अखिलेश अब सपा के सबसे मजबूत नेता हैं।
खबर लिखे जाने तक यह बैठक जारी थी। इसके बाद अखिलेश अपने अन्य समर्थकों के साथ मुलाकात कर सकते हैं। कुल मिलाकर सपा के लिये आज का दिन बेहद अहम है। अखिलेश और उनके हिमायती चाचा रामगोपाल यादव को शुक्रवार को सपा मुखिया द्वारा पार्टी से बर्खास्त किये जाने के बाद शुरू हुआ ‘हाई वोल्टेज ड्रामा’ मुख्यमंत्री आवास पर जारी रहा। बड़ी संख्या में अखिलेश के समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र होकर उनके समर्थन और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के विरोध में नारेबाजी करते दिखे।
उधर, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने द्वारा घोषित किये गये पार्टी उम्मीदवारों की सपा राज्य मुख्यालय पर बैठक बुलायी है। इस बैठक को लेकर काफी गहमागहमी है। खबर लिखे जाने तक यह बैठक शुरू नहीं हुई थी। सपा में जारी उठापटक पर पहले ही गहरा अफसोस जाहिर कर चुके वरिष्ठ नेता आजम खां पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। माना जा रहा है कि वह ना तो अखिलेश की बैठक में शामिल होंगे और ना ही मुलायम की बैठक में।
इस बीच, सपा के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह ने पार्टी में संकट को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने वाली पारिवारिक कलह में पार्टी सदस्यों से मुलायम सिंह यादव का समर्थन करने का आग्रह किया। लंबे समय तक पार्टी से बाहर रहने के बाद हाल में वापसी करने वाले अमर ने कहा, ‘मैं पार्टी सदस्यों से नेताजी के साथ खड़े होने की अपील करता हूं। जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ अमर ने कहा, ‘पार्टी की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी। मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कहूंगा कि मुलायम सिंह सपा के अध्यक्ष हैं, साथ ही में अखिलेश के पिता भी हैं।’
गौरतलब है कि सत्तारूढ़ समाजवादी कुनबे में मची रार के बीच सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को बेहद सख्त कदम उठाते हुए अपने मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव और अपने भाई पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया। सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर संवाददाता सम्मेलन कर दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी बचाने के लिये उन्हें ऐसा सख्त कदम उठाया है। राजनीतिक अखाड़े के पहलवान मुलायम ने रामगोपाल द्वारा आगामी एक जनवरी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाये जाने को अवैध करार देते हुए कहा था कि इसका अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। रामगोपाल की हरकत से पार्टी को नुकसान हुआ है और चूंकि रामगोपाल के कृत्य में अखिलेश का भी समर्थन है, इसलिये उन्हें भी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया है।