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नहीं मिल पाया सपनों का उत्तराखंडः सावित्री

देहरादून। हमें आज तक अपने सपनों का उत्तराखण्ड नहीं मिल पाया है। उत्तराखण्डवासियों को आज भी अपने असली उत्तराखण्ड को पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ये कहना है उत्तराखण्ड आन्दोलकारी सावित्री उनियाल का।
उत्तराखण्ड राज्य की 17वीं वर्षगाठ पर ‘विनर टाइम्स’ से बातचीत के दौरान के दौरान राज्य आन्दोलनकारी सावित्री उनियाल ने कहा कि जिस पृथक उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए हम उत्तराखंडियों ने लड़ाई लड़ी थी वो हमारे सपनों का उत्तराखण्ड अभी भी हमें प्राप्त नहीं हुआ।

कई बलिदानों के बाद मिले इस राज्य में कई कमियां रह गई हैं। उन्होंने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले शहीदों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस राज्य के निर्माण के लिए वे अपनी शहादत दे रहे हैं उसका एक दिन ऐसा हश्र होगा। मौजूदा राजनीति पर तंज कसते हुए सावित्री उनियाल ने कहा कि प्रदेश में अभी तक सत्तासीन रही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर राज्य का सर्वनाश कर दिया है। इन दोनों ही दलों ने राज्य में लूट-खसोट मचाकर उत्तराखण्ड को खोखला कर दिया।

जबकि पहाड़ से पलायन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और सड़क जैसी मुख्य समस्याएं आज भी राज्य वासियों के सामने मुंह बाहें खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर आज भी उत्तराखण्ड तरस रहा है। राज्य की अब तक की सरकारें विकास के दावे तो बहुत करती आयी हैं किन्तु जमीनी हकीकत इससे काफी परे हैं। हर वर्ष राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर होटलों और अन्य जगहों पर भव्य आयोजनों पर सरकार करोड़ों रूपया पानी की तरह बहा देती है किन्तु पहाड़ की मूलभूत समस्याओं को दूर करने और पहाड़ की जनता को सुविधाएं मुहैया कराने के नाम बजट का रोना रोती नजर आती है। इस तरह तो राज्य का विकास होने से रहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आज महज उत्तर प्रदेश की कार्बन कापी बनकर रह गया है।

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