नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश, जबरन फीस मांगने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करे सरकार
देहरादून। उत्तराखंड में लॉकडाउन की अवधि में निजी और सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस न लेने के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि जोे स्कूल जबरन फीस वसूल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को भी निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार के 2 मई 2020 के उस आदेश का पालन करें, जिसमें ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क न लेने को कहा गया था। इस आदेश में सरकार ने कहा था कि ट्यूशन फीस भी वही स्कूल ले सकते हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षा अधिकारी को नोडल अफसर बनाने के आदेश दिए हैं ताकि अभिभावक जबरन फीस की मांग कर रहे स्कूलों के खिलाफ अपनी शिकायत नोडल अधिकारी के पास दर्ज करा सकें। कोर्ट ने सरकार को आदेश का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी जपिंदर सिंह व आकाश यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि निजी और सरकारी स्कूलों में स्थिति सामान्य होने के बाद ही ट्यूशन फीस ली जाए तथा ट्यूशन फीस के नाम पर अन्य कोई शुल्क न लिया जाए। याचिका में यह भी कहा गया कि अगले सत्र में फीस में किसी तरह की वृद्धि न की जाए। याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि कक्षा 5 तक के बच्चों से किसी तरह का कोई शुल्क न लिया जाए।