नैनीताल हाईकोर्ट ने दी पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत, अब आठ घंटे ही कर सकेंगे काम
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिसकर्मियों को राहत देते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। उत्तराखंड पुलिस के काम के घंटे तय करने के लेकर जनहित याचिका में हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला सुनाया है। अदालत ने प्रदेश सरकार को एक दिन में केवल 8 घंटे की ड्यूटी तय करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अवकाश के दौरान कार्यरत रहने के एवज में पुलिस कर्मियों को एक माह नहीं बल्कि 45 दिन का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद शर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने मंगलवार को फैसला सुनाया है। अदालत ने गत 11 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा दिया था।
हरिद्वार निवासी अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि प्रदेश में पुलिस काम के बोझ के चलते भारी दबाव में काम कर रही है। इसमें सुधार के लिए उन्होंने 13 मार्च 2013 को सीएम को पत्र भी लिखा था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। इसके बाद उन्होंने मानवाधिकार आयोग के समक्ष मामले के रखा। आयोग ने 2014 में सरकार के इसको लेकर दिशा निर्देश दिए। इसके जवाब में सरकार ने आयोग के बताया कि प्रदेश में पुलिस एक्ट 2007 बनाया गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन किया गया है।
याचिका में कहा गया कि पुलिस एक्ट काम का समय तय नहीं है। इसके पुलिस कर्मी 10 से 12 घंटे काम करने को मजबूर हैं। उनके आवास आदि की व्यवस्था सही नहीं है। अवकाश नहीं मिलने से पारिवारिक उत्तरदायित्व का सही मायने में निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। हालत यह है कि पुलिस कर्मी मानसिक दबाव के चलते कई बीमारियों से ग्रसित हो जा रहे हैं। काम के अधिक घंटे व अवकाश की कटौती के लिए मात्र एक माह का वेतन देकर सरकार ने दायित्व की इतिश्री कर ली है।
इधर, संयुक्त खंडपीठ ने अपने फैसले में काम के समय व अतिरिक्त वेतन सहित सरकार को कुल 13 दिशा निर्देश दिए हैं। इसमें राज्य पुलिस सुधार कमीशन की 2012 की रिपोर्ट के आधार पर 3 माह के भीतर कार्पस का गठन करने, आवास के लिए योजना बनाने, कार्यकाल के दौरान प्रोन्नति के तीन अवसर के लिए प्राविधान तय करने, अवकाश में मानवीय दृष्टिकोण व दुर्घटना होने पर परिवार को समुचित सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं।
पुलिस के लिए अलग से डाक्टर की तैनाती तथा हर तीन माह में स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं। अदालत ने रिक्त स्थान भरने के लिए अलग से भर्ती बोर्ड का गठन करने, आवासीय परिसर में स्वीमिंग पूल व जिम जैसी व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। ट्रेफिक पुलिस के मास्क दिए जाने व उनके काम को देखते हुए समय पर शिफ्ट बदलने की भी व्यवस्था करने को कहा है। इसके साथ ही पुलिस स्टेशन में तनाव रहित व जनता के अनुकूल पुलिस व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।