देहरादून। उत्तराखंड में तड़के हुई बारिश ने राज्य के कई जिलों में भारी तबाही मचाई है। देहरादून के पास मालदेवता सरखेत, टिहरी और यमकेश्वर इलाके में बादल फटने से भयंकर आपदा आई है। जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक आपदा में सात लोग लापता बताए जा रहे हैं। जबकि तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं कीर्तिनगर क्षेत्र में सुबह 7 बजे ग्राम कोठार में 14-15 कमरों का आवासीय भवन भूस्खलन होने से मलबे में दब गया है। जिससे 80 वर्षीय बचनी देवी दब गई है।
आपदा में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। फिलहाल घटनास्थल पर आपदा बचाव का कार्य जोर-शोर से जारी है। आपदा में लापता लोगों की खोजबीन को लेकर एनडीआरएफ और एसटीएफ के लगातार अभियान चला रहे हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली है।
आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे सीएम धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी आपदा प्रबंधन टीम, एसडीआरएफ की टीमें और प्रशासन के अन्य अधिकारी उन इलाकों में पहुंच गए हैं जहां रात भर भारी बारिश ने कहर बरपाया है। मैं भी मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान का निरीक्षण करने की कोशिश कर रहा हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मालदेवता प्रभावित इलाके में पहुंचे हैं।
बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में अत्यधिक पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। वहीं शहर में टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास क्षेत्र में लगातार बारिश के बाद तमसा नदी उफान पर है। मंदिर के भीतर पानी घुस गया है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी दिगंबर भरत गिरि ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान न हो। नदी पर एक पुल था जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
भारी बारिश से सोंग, जाखन और सुसवा नदी पूरे उफान पर आ गई हैं। नदी किनारे रहने वालों को दूसरे स्थान पर भेजने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। राजीव नगर केशव पुरी सॉन्ग नदी से नदी का पानी आबादी तक पहुंच रहा है। हालांकि अभी कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है। सुसवा नदी के तेज बहाव से भूमि का कटाव भी हो रहा है।
पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश का सिलसिला जारी है। कुमाऊं के खटीमा में सबसे अधिक 152 मिमी और देहरादून के सहस्रधारा इलाके में 97.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे धरासू बैंड सहित जगह-जगह मलबा बोल्डर आने से बंद हो गया है। लगातार बारिश के कारण हाईवे खोलने में दिक्कत हो रही है रातभर बारिश के कारण यमुना नदी के साथ ही सहायक नदी नाले उफान पर आ गए हैं। बड़कोट, बनाल, ठकराल पट्टी के करीब 45 गांवों की लाइफ लाइन बड़कोट तिलाडी सड़क धंसने से आवाजाही बाधित हो गई है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे तीन धारा के पास भी बड़ा पत्थर आने से बंद हो गया है। इसके अतिरिक्त बचेली खाल रोली धार और दो जगह तोता घाटी पर मार्ग बंद है। नरेंद्रनगर के समीप भी ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे यातायात के लिए बाधित हो गया है। चट्टान से हुए भूस्खलन से हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं।
हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पास बह रही है। वहीं मसूरी शहर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। मसूरी-देहरादून मार्ग में बारिश के चलते जगह-जगह मलबा आ गया है। मसूरी कैम्पटी में भारी बारिश के बाद कैम्पटी फॉल उफान पर आ गया। पुलिस ने भारी बारिश के बाद पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर भेजा।
यमकेश्वर महादेव मंदिर में भारी बारिश से तबाही मची है। कल से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव का संपर्क टूट गया है।