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निकाह हलाला के नाम पर पति समेत 4 लोगों ने किया दुष्कर्म

रामपुर। देशभर में महिलाओं के उत्पीड़न के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश में निकाह हलाला के नाम पर एक मुस्लिम महिला से उत्पीड़न का मामला सामने आया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने 9 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला प्रदेश के रामपुर का है। महिला ने आरोप लगाया कि निकाह हलाला के नाम पर उसके साथ पति समेत 4 लोगों ने रेप किया। उन्होंने कहा, ‘पति द्वारा तलाक देने के बाद तीन महीने के लिए मेरी शादी दूसरे व्यक्ति से कराई गई थी, लेकिन उसने दूसरी महिला से शादी कर ली थी।’ पीड़िता की शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासन जागा और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बुलंदशहर निवासी एक मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट में इस व्यवस्था को चुनौती दी थी। कोर्ट ने उनकी याचिका को मुख्य मामले के साथ नत्थी कर दिया। इन सभी याचिकाओं पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी। बता दें कि उक्त मुस्लिम महिला की शादी 25 मार्च, 2012 को अब्दुल कादिर नामक शख्स से हुई थी। शादी के एक साल बाद महिला को पता चला कि कादिर पहले से ही शादीशुदा है। इसके बाद दोनों में मनमुटाव हो गया था। आरोप है कि कादिर ने उन्हें फौरी तीन तलाक दे दिया था।

फौरी तीन तलाक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही महिलाओं के हक में फैसला सुना चुका है। अब निकाह हलाला का मामला गर्माने लगा है। इसे भी शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है, जिस पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी। चौतरफा दबाव बढ़ने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इस मसले पर विचार करने की बात कही है। बोर्ड की 31 जुलाई को बैठक होने वाली है। एक प्रतिष्ठित अखबार की खबर के अनुसार, AIMPLB शरिया के मुताबिक मुस्लिम पर्सनल लॉ को संहिताबद्ध करने पर सहमत हो सकता है। दूसरी तरफ, विधि आयोग ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए देशभर में विचार-विमर्श किया है। देश के कई हिस्सों से फौरी तलाक और निकाह हलाला के नाम पर महिलाओं के साथ उत्पीड़न की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद निकाह हलाला जैसी प्रथा को भी खत्म करने की मांग उठने लगी है।

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