न्यूड पेंटिंग्स की सेंसरशिप को लेकर फेसबुक पर उठ रहे सवाल
नई दिल्ली। आजकल फेसबुक के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। कहीं यूजर्स का डाटा बेच कर पैसा बनाने के लिए उसकी खिंचाई हो रही है तो कुछ मामलों में डाटा शेयर करने में नानुकर की वजह से उसे अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अब यूरोप में वायरल हो रहा एक वीडियो फेसबुक के लिए नई मुसीबत लेकर आया है और उस पर ‘कल्चरल सेंसरशिप’ के आरोप लग रहे हैं। विवाद की वजह है न्यूड कंटेट को लेकर फेसबुक की पॉलिसी। इसके तहत ऐसे फोटो, वीडियो और मीम ब्लॉक कर दिए जाते हैं जिनमें नग्नता हो। लेकिन इस चक्कर में नग्न कलाकृतियों से जुड़ी सामग्री भी फेसबुक पर ब्लॉक हो रही है। चूंकि यह काम कोई इंसान नहीं बल्कि एक कंप्यूटर एल्गोरिदम करता है तो उसके लिए सामान्य नग्न या कहिए अश्लील तस्वीरों और नग्नता वाली कलाकृतियों में फर्क करना मुश्किल है।
बेल्जियम के एक टूरिज्म बोर्ड विजिटफ्लांडर्स ने एक वीडियो बना कर फेसबुक पर निशाना साधा है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि एक म्यूजियम में कलाकृतियों को देख रहे लोगों के पास आकर दो ‘सोशल मीडिया इंस्पेक्टर’ पूछते हैं कि क्या आपके पास सोशल मीडिया अकाउंट है? अगर उनका जवाब “हां” होता है तो ये ‘सोशल मीडिया इंस्पेक्टर’ उन्हें नग्न पेंटिंग से हटाकर दूसरी पेंटिंग्स की तरफ ले जाते हैं और कहते हैं कि आप इन्हें नहीं देखिए, यही आपके लिए ठीक है। उनकी कमीज पर पीछे लिखे एफबीआई में एफ फेसबुक के लोगों वाला एफ है। ये तथाकथित सोशल मीडिया इंस्पेक्टर कहते हैं कि जिन लोगों के पास सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है, वे हर तरह की पेंटिंग देख सकते हैं।
इसका मतलब यह कुछ ऐसा ही है जैसे कोई आपको खजुराहो के मंदिरों से यह कह बाहर निकाल दे कि आप इन नग्न मूर्तियों को नहीं देख सकते। अब भले ही दुनिया उनकी कलात्मकता और उनके पीछे छिपे दर्शन का लोहा मानती हो, लेकिन कोई कह सकता है कि उनमें आखिरकार है तो नग्नता ही। वैसे भारत में तो नग्नता और कलात्मक अभिव्यक्ति हमेशा बहस का मुद्दा रही है। हिंदू देवी देवताओं की नग्न पेंटिंग्स बनाने के लिए मकबूल फिदा हुसैन जैसे कलाकारों को बहुत विरोध झेलना पड़ा है।
यूरोप में कलात्मक न्यूडिटी पर इस ताजा बहस की शुरुआत उस वक्त हुई फेसबुक ने एक वीडियो को ब्लॉक कर दिया जिसमें बेल्जियम के 17वीं सदी के मशहूर पेंटर रुबेन की कृति ‘द डिसेंट फ्रॉम द क्रॉस’ की कुछ फुटेज थी। इस पेंटिंग में ईसा मसीह को सूली से उतारते हुए दिखाया गया है। पेटिंग में उनके गुप्तांगों को ढकने वाले एक छोटे से कपड़े के अलावा उनके शरीर पर कुछ नहीं है। टूरिज्म बोर्ड ने फेसबुक को लिखे खुले खत में अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है, “हमें इस बात पर हंसी आती है कि हमारे कलाकारों ने नग्न छातियों और कूल्हों वाली जो पेटिंग बनाई हैं वे आपको अनुचित लगती हैं लेकिन आपकी यह सेंसरशिप हमारे लिए मुश्किलें पैदा कर रही है।”