पदमावती को लेकर बयानबाज़ी पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
नई दिल्ली। फिल्म ‘पद्मावती’ पर नेताओं की बयानबाजी सुप्रीम कोर्ट को नागवार गुजरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को इस तरह की बयानबाजी करने से बचना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इस मामले पर पहले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का रुख आने के बाद ही लोगों को प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर एवं डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों द्वारा ‘पद्मावती’ फिल्म पर की गई बयानबाजी अवांछित थी और इससे सौहार्द के माहौल को नुकसान पहुंचा सकता था। पीठ ने कहा कि बयानबाजी कानून के खिलाफ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं एवं निर्देशक के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की मांग करने वाली अर्जी खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग टिप्पणियां करेंगे तो सेंसर बोर्ड के मेंबर्स पर इसका असर होगा और संस्था का निर्णय प्रभावित हो सकता है।
फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्माता संजय लीला भंसाली ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि सीबीएफसी जब तक उनकी फिल्म को मंजूरी नहीं देता तब तक वह विदेशों में इसे रिलीज नहीं करेंगे। भंसाली ने इस बात से इंकार किया कि उनकी फिल्म विदेशों में एक दिसंबर को रिलीज हो रही है।
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ के देश से बाहर रिलीज पर रोक लगाने संबंधी याचिका की सुनवाई 28 नवंबर को करेगा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने एक याचिकाकर्ता द्वारा फिल्म को विदेश में रिलीज नहीं करने देने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया। याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि ‘अगर देश से बाहर फिल्म को रिलीज किया गया तो इससे समाजिक सौहार्द को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।’
वकील एम.एल. शर्मा ने तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष यह याचिका रखी थी। शर्मा ने फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने यह कहकर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है कि फिल्म के गाने और प्रोमो को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने हरी झंडी दिखा दी है।