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पाकिस्तान में ईद मनाने को लेकर विवाद, जानिए क्या है मामला

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरीने धर्म से विज्ञान को अलग करने की कोशिश करने वाले धर्मगुरुओं पर यह कहते हुए निशाना साधा है कि ईद-उल-फितर की तारीख तय करने के लिए जब चांद दिखने की बात होती है तो उन्हें सामान्य समझ का प्रयोग करना चाहिए।

प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी चौधरी ने सभी महत्त्वपूर्ण इस्लामी त्योहारों के दौरान चांद देखे जाने के विवाद को खत्म करने के लिए रूयत-ए-हिलाल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पारंपरिक तरीकों को जारी न रखने को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं को आक्रोशित कर दिया है।

अब तक रूयत-ए-हिलाल समिति ही यह तय करती रही है कि पाकिस्तान में ईद-उल-फितर कब मनाई जाएगी। चौधरी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि पाकिस्तान सरकार पांच जून को ईद मनाएगी जबकि सऊदी अरब में ईद मंगलवार को मनाई जा रही है।

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नैशनल असेंबली को पिछले महीने सूचित किया गया था कि पाकिस्तान ने 2018 में मुहर्रम, रमजान, ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा के लिए चांद देखे जाने को लेकर 30 लाख रुपये खर्च किए।

उन्होंने सोमवार को इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह बहुत दुखद है कि धार्मिक मामलों के हमारे विद्वान कैसे यह मान रहे हैं कि चांद देखे जाने का विज्ञान से कोई लेना-देना नहीं है।’ चौधरी ने कहा कि मुस्लिम कई क्षेत्रों में वैज्ञानिक शोध के अगुवा रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि इस्लामिक आस्था कहती है कि हम ज्ञान अर्जित करें और जहां इसकी जरूरत है वहां लागू करें।

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