Breaking NewsUttarakhand

पर्यावरण को ध्यान में रखकर मनाएं दिवालीः चौहान

देहरादून। सनातन संस्कृति का पावन पर्व दीपावली वर्ष में एक बार आता है जिसे हम सभी भारतीय बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। दीपावली दीपों का त्योहार है किन्तु आधुनिक दौर में दीपावली का स्वरूप भी बदलता जा रहा है। ये कहना है कोटा कैरियर क्लासेज के निदेशक वीसी चौहान का।

दीपावली के अवसर पर ‘विनर टाइम्स’ से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आज के तेजी से बदलते दौर में दीपों की जगह अब विद्युत बल्बों, विद्युत चलित मोमबत्तियों और लड़ियों ने ले ली है। लोग दीपावली से काफी दिन पूर्व ही इन उत्पादों को खरीदकर अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों को सजा देते हैंं। दीपावली के नजदीक आते—आते इस सामानों की बिक्री और भी अधिक बढ़ जाती है। इसके साथ ही बढ़ जाता है विद्युत पर लोड।

उन्होंने कहा कि दीपावली के दौरान लोग बेतहाशा रौशनी व जगमगाहट कर बिजली खर्च करते हैं। वहीं पटाखों और फुलझड़ियों आदि के जलाने की वजह से जहां एक ओर ध्वनि प्रदूषण होता है तो वहीं वायु भी दूषित होती है। दरअसल हम महज अपने कुछ समय की सहुलियत और मनोरंजन के लिए पर्यावरण को बहुत बड़ा नुक्सान पंहुचाते हैं।

श्री चौहान के कहा कि हम सभी को पर्यावरण को मद्देनजर रखकर दीपावली को मनाना चाहिए। इस पर्व पर बिजली के उत्पादों का ना के बराबर प्रयोग करें तथा दीप प्रज्जवलित करके ही दिवाली मनाएं। आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button