ऐसे इंसान पर लोग हमेशा करते हैं शक, वक्त बदल देता है सोच
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार आपके कार्य पर संदेह करने वालों पर आधारित है।
‘कोई अगर आपके कार्य पर संदेह करता है तो उसे करने देना चाहिए। क्योंकि शक सोने की शुद्धता पर किया जाता है ना कि कोयले की कालिख पर।’ आचार्य चाणक्य
उदाहरण के तौर पर जब कोई व्यक्ति किसी दुकान पर सोना खरीदता है तो हमेशा उसके मन में यही सवाल तैरता रहता है कि ये असली सोना तो है ना। भले ही वो उस दुकान से कितनी बार भी समान लेकर आया हो। लेकिन सोने की शुद्धता को लेकर उसके मन में शक रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सोना खरीदने में हमेशा मोटी रकम खर्च होती है। इसी वजह से मनुष्य उसे हमेशा तोलमोल के ही लेता है। ठीक इसी तरह कार्य करने वाले व्यक्ति पर मनुष्य पूरी तरह भरोसा करने के लिए उसे हर तरह से परखने की कोशिश करता है।
दूसरी तरफ कोयले के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता। यानि अगर किसी व्यक्ति का कार्य ठीक नहीं है तो उसे बिल्कुल भी परखेगा नहीं। उसके मन में यही होता है कि इसे परखने से कोई फायदा नहीं है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा कि कोई अगर आपके कार्य पर संदेह करता है तो उसे करने देना चाहिए। क्योंकि शक सोने की शुद्धता पर किया जाता है।