Breaking NewsBusinessNational

और अधिक सस्ता होगा पेट्रोल डीजल, सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम

नई दिल्ली। भारत ने अपने रणनीतिक तेल भंडार से करीब 50 लाख बैरल कच्चे तेल की निकासी करने की योजना बनाई है। देश के भीतर तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं जैसे अमेरिका, जापान और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तर्ज पर यह कदम उठाएगा। एक सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।

भारत के पास पूर्वी और पश्चिमी तट पर तीन स्थानों पर भूमिगत भंडारगृहों में 3.8 करोड़ बैरल कच्चे तेल का भंडार मौजूद है। इस भंडार में से लगभग 50 लाख बैरल कच्चे तेल की निकासी की जाएगी, इसकी शुरुआत अगले 7 से 10 दिनों के भीतर होगी। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी।

20211102_153923

अधिकारी ने बताया कि इस कच्चे तेल के स्टॉक को मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड को बेचा जाएगा, जो कि रणनीतिक भंडारगृह से  सीधे पाइपलाइन के माध्यम से जुड़े हैं। अधिकारी ने कहा कि सात-दस दिनों में तेल निकासी की यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर भारत अपने रणनीतिक भंडार से और कच्चे तेल की निकासी का फैसला ले सकता है। इस संबंध में आधिकारिक घोषणा आज शाम तक होने की संभावना है।इससे एक दिन पहले यानी सोमवार को यह खबर आई थी कि भारत कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तर्ज पर अपने रणनीतिक तेल भंडार से कच्चे तेल निकालने की संभावनाओं पर गौर कर रहा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि भारत अपने रणनीतिक तेल भंडार से निकासी के तौर-तरीकों पर काम कर रहा है। हालांकि, सरकार ने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं तय की है। इस अधिकारी ने अपना नाम सामने न आने की शर्त पर कहा कि सरकार इस संबंध में प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों के संपर्क में बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि रणनीतिक भंडार से तेल की निकासी दूसरे देशों के साथ तालमेल बनाकर की जाएगी। अमेरिका ने तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध ठुकराए जाने के बाद दुनिया के प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों से अपने रणनीतिक भंडार से कुछ तेल निकालने का सुझाव दिया है। भारत के अलावा चीन एवं जापान से भी यह अनुरोध किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत पर काफी असर पड़ा है। दुनिया का तीसरा बड़ा तेल उपभोक्ता देश होने से भारत को अपनी विदेशी मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा तेल आयात पर खर्च करना पड़ रहा है। अमेरिकी कदम के बाद ब्रेंट क्रूड के भाव 78.72 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गए हैं जो दस दिन पहले तक 81.24 डॉलर प्रति बैरल पर थे। भारत के पास 53.3 लाख टन का कच्चे तेल का रणनीतिक तेल भंडार है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button