Breaking NewsUttarakhand

जैन धर्मशाला में आयोजित किया गया पिच्छी परिवर्तन एवं कलश वितरण कार्यक्रम

देहरादून। रविवार को पूज्य 108 मुनि श्री विबुद्ध सागर जी महाराज एवं 105 क्षुल्लक श्री समर्पण सागर जी महाराज जी के परम सानिध्य में गांधी रोड स्थित जैन धर्मशाला में पिच्छी परिवर्तन एवं कलश वितरण कार्यक्रम बड़े ही भव्य ढंग से आयोजित किया गया।

पूज्य आचार्य श्री 108 विबुद्ध सागर जी महाराज के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य श्री विनय जैन, श्रीमती सुनीता जैन, पूज्य आचार्य श्री को पिच्छी भेंट करने का सौभाग्य सौरभ सागर सेवा समिति को पूज्य आचार्य श्री की पिच्छी श्री संदीप जैन पूर्णिमा जैन को प्राप्त हुई। पूज्य क्षुल्लकरत्न 105 श्री समर्पण सागर जी महाराज की पिच्छी श्री जिनेन्द्र जैन जी को प्राप्त हुई।

20211102_153923

आज के कार्यक्रम में जिनवाणी जागृति मंच की महिलाओं द्वारा मंगलाचरण किया गया श्रीमती नमन जैन मूकमाती द्वारा एक भक्ति नृत्य छोटे छोटे बच्चो द्वारा भक्ति श्रीमती रविशा जैन जी की संस्था के बच्चो द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गयी।क्षुल्लक जी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य श्री स्वेदश जैन जी को प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर आचार्य विबुद्ध सागर महाराज ने पिच्छिका परिवर्तन समारोह में कही। वे यहां आए श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- अहिंसा की रक्षा के लिए दिगंबर मुनि, मयूर पिच्छिका स्वीकार करते हैं। पिच्छिका धागे, ऊन या वस्त्र से बनी होगी तो उसे धोना पड़ेगा। मयूर पंख धूल, पसीने आदि को स्वीकार नहीं करते हैं। कोमल और हलके होते हैं इसीलिए दिगंबर साधु षटकाय के जीवों की रक्षा के लिए मयूर पिच्छिका धारण करते हैं। जब बिटिया घर से विदा होती है तो उसे भेंट दी जाती है।

पिच्छी भेंट करना बताता है कि विदाई का समय आ गया। आचार्य के मुख से विदाई का समय सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर और गमगीन हो उठे। इस पर उन्होंने कहा- जैन दर्शन में मठ परंपरा नहीं है, इसलिए साधु वर्ष में आठ मास विहार करते हैं और चार मास वर्षा काल में सूक्ष्म जीवों की रक्षार्थ चातुर्मास करते हैं।

इस अवसर पर जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने कहा कि समस्त चातुर्मास के दौरान जैन समाज का जो सहयोग प्राप्त हुआ मैं उसके लिए सभी का धन्यवाद करता हु। ओर आशा करता हु कि भविष्य में भी उनका इसी तरह सहयोग प्राप्त होता रहेगा।

इस अवसर पर मधुसचिन जैन ने बताया कि जैन धर्म में व्यक्ति की नहीं पद की पूजा होती है। पंथ, ग्रंथ और संत नहीं, सिर्फ दिगंबर मुद्रा देखो और नतमस्तक हो जाओ। दिगंबर मुद्रा से ही दिगंबर धर्म और संस्कृति की पहचान है।

इस अवसर पर जैन भवन के अध्यक्ष विनोद जैन मंत्री संदीप जैन महामंत्री हर्ष जैन सुखमाल जैन सचिन जैन एसके जैन अमित जैन राजीव जैन राकेश जैन आशीष जैन सुनील जैन ममता जैन आदि लोग मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button