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पिता ने मोबाईल कम इस्तेमाल करने को कहा तो, बेटी ने उठाया ऐसा कदम जानकर कांप जाएगी रूह

जयपुर। राजस्थान के जयपुर निवासी एक व्यक्ति को अपनी बेटी को मोबाइल का कम उपयोग करने की नसीहत देना बेहद महंगा पड़ गया। उसके बाद उक्त शख्स की बेटी ने जो कदम उठाया उसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। इस भयावय वारदात के बारे में जिसने भी सुना उसकी रूह कांप गयी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुर के विराटनगर के मेड गांव निवासी कपड़ा व्यापारी की उनकी ही 15 साल की नाबालिग बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर बेंगलुरू में चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। बाद में वारदात काे छिपाने के लिए शव काे बाथरूम में ले जाकर पेट्राेल छिड़ककर आग लगा दी।

वारदात काे अंजाम देने के लिए बेटी ने पिता के दूध में नींद की गाेलियां मिला दी थीं। इसके बाद देर रात अपनी प्रेमी काे घर बुलाकर वारदात काे अंजाम दिया। पड़ोसियों द्वारा आग लगने की सूचना दिए जाने के बाद पुलिस माैके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि वारदात के बाद प्रेमी वहां से भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से वह फरार नहीं हाे पाया। पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया और दाेनाें से अलग-अलग पूछताछ की ताे वारदात का खुलासा हुआ।

वारदात का पता लगते ही राजस्थान से कपड़ा व्यापारी के रिश्तेदार बेंगलुरु पहुंच गए। मृतक के जयपुर, दूदू, किशनगढ़ व मारोठ में कई रिश्तेदार रहते हैं। मूलत: मेड निवासी व्यापारी पिछले 15 साल से बेंगलुरू के रजनीनगर में रहकर व्यापार कर रहे थे। वारदात के समय उनकी पत्नी व बेटा शादी समारोह में शामिल होने के लिए पुड्डुचेरी गए हुए थे।

पुलिस पूछताछ में 10वीं में पढ़ने वाली नाबालिग ने बताया कि पिता माेबाइल का कम इस्तेमाल करने और पढ़ाई में ध्यान लगाने की नसीहत देते थे। वे लड़के से दाेस्ती काे लेकर भी नाराज थे। वह पिछले कई दिनों ने पिता की हत्या करने का मौका तलाश रही थी। शनिवार को मां व भाई ट्रेन में बैठाने के लिए पिता जैसे ही बाहर गए तो पीछे से उन्होंने नींद की गोलियां मंगवा लीं।

रेलवे स्टेशन से जैसे ही पिता वापस लौटे तो दूध में नींद की 6 गोलियां दे दी। इससे कुछ देर बाद वह बेहोश हो गए। पिता बेहोश होने के बाद उसने प्रेमी प्रवीण को अपने घर बुला लिया। दोनों ने मिलकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। उसके बाद सबूत मिटाने के लिए खून से सन्ने कपड़े धोए और फर्श को साफ किया।

हत्या की वारदात को घटना का रूप देने के लिए सुबह बेटी बाहर गई और तीन बोतल पेट्रोल खरीदकर लाई और पिता के शव को बाथरूम पटककर पेट्रोल का छीड़काव करके करीब 7 बजे आग लगा दी। इस घर से धुआं निकलता देखकर पड़ोसियों ने पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर दिया। घर में आदमी जिंदा जलने जैसी सूचना मिलने पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

आग बुझाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया तो वहीं शक शुरू हो गया। मृतक के अन्य रिश्तेदारों का कहना है कि एक सप्ताह पहले लड़की के पिता ने प्रवीण को भी बेटी से दूर रहने की हिदायत दी थी। तब प्रेमी ने इसके लिए मना कर दिया और कहा कि उसकी जो मर्जी होगी वैसे ही करेगा।

हत्या के आरोपी प्रेमी प्रवीण ने पुलिस को गुमराह करने के लिए आग के दौरान खुद के हाथ पर भी घाव कर लिए थे। ताकि बता सके कि लड़की के पिता को बचाने के चक्कर में चोट लगी है। इसके अलावा वह वहां से भागने की फिराक में था, लेकिन पड़ोसियों को देखकर कामयाब नहीं हो सका।

बेंगलुरू में डीसीपी नॉर्थ एन शशि कुमार ने बताया कि तुरंत अलग-अलग टीमें गठित करके आस-पास रहने वाले लोग और बच्चों से पूछताछ की तो मृतक की बेटी व पड़ोसी प्रवीण के प्रेम संबंध में बारे में जानकारी मिली। उसके बाद दोनों से अलग-अलग पूछताछ की तो मामले की खुलासा हुआ।

माता-पिता से बेहतर बच्चों के बारे में कौन सोच सकता है? उनसे ज्यादा प्यार भी कौन कर सकता है? माता-पिता धरती के भगवान हैं। उनकी आपत्ति-सख्ती में भी संतान का हित होता है। बेंगलुरू में जो हुआ वह कच्ची उम्र की नासमझी से उपजी एक सामाजिक बुराई है।

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