पिथौरागढ़ में बादल फटने से घटनाएं हुईं
देहरादून। उत्तराखंड में मानसून मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में डीडीहाट और धारचूला तहसील में तीन स्थानों पर बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। इससे दो दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि तीन पैदल पुलिया बह गईं। इसके अलावा खेतों में मलबा आने से फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। दो स्थानों पर करीब दो दर्जन परिवारों को सरकारी स्कूलों में शरण दी गई है। नैनीताल जिले में बैंक से घर लौट रहा एक किशोर कोसी नदी में बह गया है।
बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे पर यातायात 12 घंटे ठप रहा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद शाम चार बजे हाईवे सुचारु किया। दूसरी ओर कुमाऊं में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने भूस्खलन के मद्देनजर हल्द्वानी-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर 13 अगस्त तक आवाजाही पर रोक लगा दी है। वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा।
भूस्खलन की मार से देहरादून भी अछूता नहीं है। राजधानी देहरादून से 20 किलोमीटर दूर भट्टा गांव के पास मलबा आने से छह घंटे मसूरी-देहरादून मार्ग पर आवाजाही बाधित रही। दोपहर बाद भारी बारिश से शहर में सड़कों पर पानी भर गया। इससे जगह-जगह जाम के हालात पैदा हो गए।
चमोली जिले में हालांकि मौसम के तेवर नरम रहे, लेकिन पिछले दिनों लगातार बारिश से हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी जाने वाला पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को दिक्कत हो रही है। जबकि केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यातायात सुचारु रहा।
प्रदेश में दो दिन भारी बारिश
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले दो दिन प्रदेश में भारी वर्षा के आसार हैं। केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि राज्य में बारिश का सिलसिला बना रहेगा। विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में कई जगह 65 से 205 मिमी तक बारिश हो सकती है। विभाग ने एडवाइजरी जारी प्रशासन से सतर्क रहने को कहा है।