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पुलिस को चकमा देकर नशा मुक्ति केंद्र से फरार हुए 43 रोगी

देहरादून। जनपद केसिनोला स्थित जागृति फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र से मंगलवार रात 43 रोगी पुलिस कर्मियों को धक्का देकर फरार हो गए। इससे पहले इन रोगियों ने कमरे की कुंडी उखाड़कर खुद को आजाद किया। पुलिस ने कांबिंग के बाद 12 रोगियों को दबोच लिया, जबकि अन्य की तलाश में पुलिस कार्रवाई चलती रही। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि नशा मुक्ति केंद्र में मिल रही यातनाओं से तंग आकर ही ये रोगी भागे हैं।

राजपुर थाना क्षेत्र के सिनोला में जागृति फाउंडेशन के नशा मुक्ति केंद्र से रोगियों के भागने की यह घटना मंगलवार रात करीब पौने आठ बजे की है। मनोज नामक कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी कि नशा मुक्ति केंद्र से 43 रोगी फरार हो गए हैं। इस सूचना पर सीओ मसूरी बीएस चौहान राजपुर और कैंट कोतवाली पुलिस को लेकर मौके पर पहुंच गए।

पुलिस ने कांबिग के बाद आठ रोगियाें को कैंट क्षेत्र के जंगलों से पकड़ लिया, जबकि चार को अन्य जगहाें से दबोचा है। इसी बीच खबर आई कि कुछ रोगी परेड ग्राउंड के आसपास भी देखे गए है। इसके बाद डालनवाला पुलिस सक्रिय हुई। देर रात अन्य रोगियों की तलाश में पुलिस कांबिग चलती रही।

बताया जा रहा है कि इस नशा मुक्ति केंद्र पर लगे गंभीर आरोपों की सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की जा रही है। इसी के मद्देनजर यहां सिपाहियों की तैनाती रहती है। मंगलवार को यहां दो सिपाही ड्यूटी पर थे। कमरे की कुंडी उखाड़कर बाहर आए नशा रोगी आपाधापी में भाग लिए। दो पुलिस कर्मियाें ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह उन्हें धक्का देकर फरार हो गए।

सीओ बीएस चौहान ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट की जांच शुरू होने से पहले नशा मुक्ति कें द्र में 97 रोगी भर्ती थे। जांच प्रचलित हुई तो लगभग 20 रोगियाें को उनके परिजन अपने साथ ले गए। पकड़े गए रोगियों ने बताया कि उन्हें लगा था कि वे यहां से बाहर नहीं निकल पाएंगे। इसी कारण उन्हाेंने सामूहिक रूप से भागने की कोशिश की है। सीओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया रोगियों से बातचीत में ऐसा लग रहा है कि रोगियाें ने प्रताड़ना से तंग आकर यह कदम उठाया है। हालांकि जांच के बाद ही पूरी तस्वीर सामने आ पाएगी।

पुलिस के मुताबिक चार मंजिला मकान का भूतल जागृति फाउंडेशन द्वारा किराए पर लिया हुआ है। यहां एक बड़ा हाल, दो छोटे कमरे और एक दफ्तर बना है। दफ्तर के बाहर और हॉल में कुल छह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। घटना के बाद पुलिस ने जांच की तो पता चला कि चार कैमरे टूटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह कैमरे भी रोगियाें ने तोड़े हैं।

बताया जा रहा है कि रोगी वहां से गढ़ी कैंट के रास्ते फरार हुए हैं। रास्ते में एक दुकानदार ने पुलिस को बताया कि उन्हें पहले लगा कि आर्मी के जवान दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन यह सभी को नंगे पैर देखकर शक हुआ। इनमें से एक को रोका गया तो पीछे से आए चार अन्य युवक भी वहां आ गए। उन्होंने बताया कि वह नशा मुक्ति केंद्र से भागे हैं। वहां उन्हें एक ही हाल में बंद किया हुआ था। यातनाओं से तंग आकर वहां से भागे हैं।

बताते चलें कि पिछले दिनों 25 नवंबर को सहसपुर थाना क्षेत्र में चल रहे एक नशा मुक्ति केंद्र में एक नाबालिग नशा रोगी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले में एक कर्मचारी मनोज जुगरान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस केंद्र के नामजद कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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