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पुलिस ने किया किडनी रैकेट का भंडाफोड़

देहरादून। डॉक्टर को लोग भगवान का दर्जा देते हैं शायद इसलिये कि डॉक्टर मरते हुए लोगों को भी मौत के मुंह से खींच लाते हैं मगर लोगों की जिंदगियां बचाने वाले डॉक्टर ही चंद पैसों के लालच में मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने लगे तो क्या हो। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहाँ अस्पताल में पैसों का ऐसा खेल चल रहा था कि पुलिस भी सन्न रह गई।

देहरादून और हरिद्वार पुलिस ने उत्तराखंड में एक बड़े किडनी रैकेट का खुलासा किया गया। लाल तप्पड़ क्षेत्र में चल रहे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में छापेमारी के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। कोतवाली रानीपुर पुलिस ने बताया कि क्षेत्र के एक डेंटल कॉलेज में ‌स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर डॉक्‍टर उन्हें पैसों का लालच देकर किडनी निकाल लेते थे। कोलकता निवासी पीड़ित महिला कृष्‍णा दास और पुरुष शेख अली खान की शिकायत के बाद अस्पताल में चल रहे इस खेल का पर्दाफाश हुआ। उत्तरांचल डेंटल एंड मेडिकल कॉलेज के कैंपस में यह प्राइवेट हॉस्पिटल चल रहा था। जानकारी के मुताबिक इस हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन दूसरे नाम से किया गया है।

मुखबिर की सूचना पर सप्तऋषि चौकी के पास पुलिस ने एक गाड़ी पकड़ी। जिसमें एक महिला और पुरुष को दिल्ली ले जाया रहा था। वहां उन्हें किडनी की पेमेंट मिलनी थी। पूछताछ में पता चला कि साढ़े तीन से चार लाख में किडनी बेची जाती थी। लालतप्पड़ क्षेत्र में चल रहे डेंटल कॉलेज में यह प्राइवेट हॉस्पिटल मौजूद है। पीड़ित शेख अली खान और कृष्‍णा दास को ‌चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। दोनों पीड़ित कलकत्ता के हैं। बताया गया कि कुछ ‌दिन पहले गुजरात के लोगों की किडनी निकालने का मामला भी इसी अस्पताल में सामने आया ‌था।

वहीं छापेमारी की कार्रवाई की खबर सुनकर हॉस्पिटल के डॉक्टर फरार हो गए। बताया गया कि लालतप्पड़ क्षेत्र में चल रहे डेंटल कॉलेज में यह प्राइवेट हॉस्पिटल मौजूद है।छापेमारी के दौरान एसएसपी निवेदिता कुकरेती खुद भी मौजूद रहीं। हरिद्वार पुलिस की शिकायत पर ही रविवार देर रात यह छापेमारी की गई।

पुलिस के अनुसार पुलिस को प्राप्त सूचना मिली कि उत्तरांचल डेन्टल कॉलेज लालतप्पड डोईवाला के अन्दर स्थित गंगोत्री चैरिटेबल हस्पिटल में किडनी निकालने का अवैध करोबार किया जा रहा हैं। इस सूचना पर विश्वास कर जानकारी ली गई तो पता चला कि सोमवार सुबह 4 व्यक्ति किडनी निकलवाकर हरिद्वार के रास्ते दिल्ली जा रहे है।

सूचना पर देहरादून पुलिस व हरिद्वार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा गाडी न0 यू0ए0 08 टीए 5119 इनोवा को सप्तऋषि चौकी के पास रोक दिया गया। जिसमें दो महिला व दो पुरूष मौजूद मिले और एक अन्य वाहन चालक था। मौजूदा व्यक्ति ने अपना नाम भाव जी भाई पुत्र  टापू भाई ठाकुर निवासी प्रजापति कलामू ग्राम सिन्धाली, थाना मोहोदा, जिला खेडा गुजरात, उम्र 48 वर्ष, शेखताज अली पुत्र शेख मुशरफ अली निवासी 6/2 वासुदेव पुर, कन्चा रोड 128 बेहाजा दक्षिण परगना वैस्ट बंगाल, उम्र 28 वर्ष, सुसामा बेनर्जी पत्नी दिपुल बैनर्जी निवासी हल्दर औबजान पारा शहजादा पुर जोय नगर दक्षिण 24 परगना, उम्र 42 वर्ष, कृष्णा दास पत्नी विश्वजीत दास निवासी पौजावड पोस्ट राम सुन्दरपुर जिला प्रमूव मेहन्दीपुर, पश्चिम बंगाल, उम्र 32 वर्ष व चालक ने अपना नाम  दीपक कुमार पुत्र बीरबल सिंह निवासी इब्राहिमपूर, थाना पथरी जिला हरिद्वार, बताया।

उक्त लोगो से पूछताछ करने पर भाव जी भाई के द्वारा बताया की एक व्यक्ति जावेद खान पुत्र सरवर खान निवासी ए/2 रूम नo 603 ग्रीन पार्क सोसाइटी, एसजी स्कूल एसबी रोड, सन्ताकुज मुम्बई उनको गंगोत्री चेरिटेबल हस्पिटल लालतप्पड लेकर आया था और उनको एक किडनी के बदले 3 लाख रु0 देने का वादा किया था। पहले हस्पिटल में कृष्णा दास व शेखताज अली की किडनी निकाली गयी। फिर उसका व सुसामा का नंबर था लेकिन जब जावेद खान के द्वारा पैसे नहीं दिये गये तो उसने और सुसामा ने किडनी देने से मना कर दिया और हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इस पर अस्पताल वालो ने हम चारों को जावेद खान के साथ दिल्ली रवाना कर दिया।

किन्तु रास्ते में पुलिस द्वारा उन्हें पकड लिया गया। जबकि मौका देखते ही जावेद गाडी से उतर कर भाग गया। फरार अभियुक्त जावेद खान को पुलिरा द्वारा पकड लिया गया है। सम्बन्धित घटनाक्रम में प्रकाश में आये डॉ0 अमित रावत फरार है, जिसकी तलाश हेतु पुलिस द्वारा संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। घटना स्थल से ओमान के टिकट मिले है, जिससे प्रतीत होता है कि सम्भवत: किडनी की खरीद फरोख्त अन्तराष्ट्रिय स्तर पर भी की जा रही है। पुलिस द्वारा घटना स्थल पर स्वास्थ्य विभाग व एफ. एस. एल. की टीमों के साथ मिलकर जांच की जा रही है तथा अस्पताल व अन्य स्टाफ की प्रकरण में संलिप्तता की जांच भी की जा रही है।

 

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