पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे सूर्यदेव, इन नामों के लोग रहें संभलकर
4 मार्च को शाम 6 बजे सूर्यदेव पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 17 मार्च की देर रात 2 बजकर 21 मिनट तक यहीं पर रहेंगे। जानिए 4 से 17 मार्च तक सूर्य के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने से विभिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले लोगों पर क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में सूर्य के शुभ फल पाने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको कौन-से उपाय करने चाहिए।
स, द या च नाम के अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद या रेवती नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम स, द या च अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 17 मार्च तक आग और बिजली से संबंधित चीजों के साथ संभलकर काम करना चाहिए। साथ ही अगर आप इस दौरान कोई नया घर बनाने की सोच रहे हैं, तो आपको 17 मार्च तक के लिए ये योजना टाल देनी चाहिए। सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए 17 मार्च तक धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देते रहें।
च, ल, अ, ई, उ, ए या व नाम के अक्षर वाले लोग
जिनका जन्म अश्विनी, भरणी, कृतिका या रोहिणी नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर च, ल, अ, ई, उ, ए या व हो, 17 मार्च तक के लिए उन लोगों के जीवन की गति कुछ थमी हुई-सी रहेगी। आपके कामों में कुछ समय के लिए रूकावट आ सकती है। इस दौरान इस तरह की स्थिति से बचने के लिए पक्षियों को बाजरा खिलाएं।
व, क, घ, ह या ड नाम के अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु या पुष्य नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर व, क, घ, ह या ड हो, 17 मार्च तक उन लोगों के कामों में और जीवन में स्थिरता बनी रहेगी। साथ ही आपके करियर में किसी तरह का उतार-चढ़ाव नहीं होगा। जो जैसा है, वैसा ही रहेगा। अत: 17 मार्च तक सूर्यदेव की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए बंदर को कुछ खाने के लिये दें।
ड, म या ट नाम के अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म आश्लेषा, मघा या पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम ड, म या ट अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 17 मार्च तक लक्ष्मी की प्राप्ति होती रहेगी। आपके ऊपर अगले चौदह दिनों के दौरान माँ लक्ष्मी की अपार कृपा बरसेगी और आपकी धन-संपत्ति में वृद्धि होगी। लिहाजा अगले चौदह दिनों, यानी 17 मार्च तक अपने ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा को बनाये रखने के लिए काली गाय की सेवा करें।
ट, प, र या त नाम के अक्षर वाले लोग
जिनका जन्म उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा या स्वाती नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम ट, प, र या त अक्षर से शुरू होता हो, उन लोगों को 17 मार्च तक जीवन में कई तरह से लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आपको अपने सभी काम में फायदा ही फायदा मिलेगा। अत: 17 मार्च तक अपनी बेहतरी के लिये और लाभ सुनिश्चित करने के लिए बड़े भाई के कामों में सहयोग दें।
य, त या न नाम के अक्षर वाले लोग
जिनका जन्म विशाखा, अनुराधा या ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ हो और जिनका नाम य, त या न अक्षर से शुरू होता हो, उनके घर के मुखिया को 17 मार्च तक कुछ परेशानी हो सकती है। इस दौरान घर के मुखिया को अपनी सेहत के प्रति थोड़ा सावधान रहना चाहिए। साथ ही सूर्यदेव की अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 17 मार्च तक सफेद या शर्बती रंग की टोपी या पगड़ी से अपना सिर ढककर रखें।
य, भ, ध, फ, ज या ख नाम के अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढ़ा या श्रवण नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर य, भ, ध, फ, ज या ख हो, उन लोगों को 17 मार्च तक आर्थिक मामलों में कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है। इस दौरान आपको आर्थिक रूप से किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए रात को अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन बादाम को किसी मंदिर में दान कर दें।
ग या स नाम के अक्षर वाले लोग
जिन लोगों का जन्म धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में हुआ हो और जिनके नाम का पहला अक्षर ग या स हो, उन लोगों को 17 मार्च तक अपनी सेहत के प्रति सावधान रहना चाहिए। इस दौरान आपको कोई रोग या भय हो सकता है। लिहाजा 17 मार्च तक सूर्यदेव के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको मंदिर में गुड़ का दान करना चाहिए।