प्रभु जी आखिर कब तक मरते रहेंगे लोग ?
नई दिल्ली। शनिवार शाम उत्तर प्रदेश के खतौली में हुए भीषण रेल हादसे में कई लोगों की जानें चली गयी और सैकडों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सवाल ये उठता है कि आखिर रेलवे प्रशासन कब तक लापरवाही करता रहेगा और कब तक लोग मरते रहेंगे। देश में रेल हादसों की बाढ़ सी आ गयी है, कुछ ही दिन गुज़रते हैं और फिर कोई ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। आखिर रेल मंत्री कब अपनी जिम्मेवारी को समझेंगे और कब अपने महकमें को दुरुस्त करेंगे? ऐसा लगता है कि प्रभु जी ये काम आप से नहीं हो पायेगा। इसलिए नैतिकता के नाते आपको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौरतलब है कि मुज़फ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे में भारतीय रेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस हादसे का अंदाज़ा रेल प्रशासन को दो महीने पहले ही लग गया था। लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया जिसके नतीजे में यह हादसा हुआ। ख़बरों के मुताबिक, शनिवार को जिस जगत कालोनी के पास यह हादसा हुआ उसी जगह 11 जून की सुबह भी पटरी टूट गई थी। ग्रामीणों ने इस बात की सूचना रेल प्रशासन को दी थी लेकिन मौके पर रेलवे का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा था। जिसके बाद ग्रामीणों ने समझदारी दिखाते हुए लाल कपड़ा दिखाकर ट्रेन को रोक दिया और एक बड़े हादसे को टाल दिया था।
अब शनिवार को हुए हादसे में बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त पटरी की मरम्मत का काम चल रहा था। यहां के लोगों ने रेल प्रशासन को इस हादसे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि जब ट्रैक पर काम चल रहा था तो ट्रेन ड्राइवर को इस बात की सूचना क्यों नहीं दी गई।
बता दें कि शनिवार की शाम मुज़फ्फरनगर के खतौली में पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हादसे में कम से कम 25 लोगों की मौत हुई है, जबकि 100 से अधिक घायल हुए हैं।
ज्ञात हो कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद और केंद्र में सुरेश प्रभु के रेल मंत्री बनने के बाद से यह 8 वां बड़ा ट्रेन हादसा है। इस दुर्घटना के साथ ही रेलवे सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए रेल हादसे:-
1- मुजफ्फनगर में ट्रेन पटरी से उतरी : खतौली के पास हुई दुर्घटना में अब तक 23 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि 72 यात्री घायल हैं। पहले इस घटना के पीछे आतंकी साजिश की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन चश्मदीदों के मुताबिक यह रेलवे विभाग की लापरवाही का नतीजा है। फिलहाल इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ साफ तौर पर कहा जा सकेगा।
2- पुखरायां के पास हुई दुर्घटना : पिछले साल 20 नवंबर को कानपुर के पास पुखरायां में रेल हादसा हुआ था जिसमें 150 लोगों की मौत हो गई थी और 200 घायल हुए थे।
3- भदोही ट्रेन दुर्घटना : पिछले साल 25 जुलाई को भदोही में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन से एक स्कूल वैन टकरा गई थी जिसमें 7 बच्चों की जान चली गई थी।
4- बछरावां रेल हादसा : 20 मार्च 2015 को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस दुर्घटना में 34 लोग मारे गए थे। यह घटना बछरावां रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूर पर हुआ थी।
5- मुरी एक्सप्रेस हुई हादसे का शिकार : साल 2015 में कौशांबी जिले के सिराथू रेलवे स्टेशन के पास मुरी एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इसमें 25 यात्री मारे गए थे और 300 घायल हो गए थे।
6- 10 मिनट के अंदर दो हादसे : साल 2015 में मध्य प्रदेश के हरदा के पास 10 मिनट के अंदर दो ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं। पटरी धंसने से यह हादसा हुआ था। इस दुर्घटना में 31 मौतें हुई थीं।
7- गोरखधाम एक्सप्रेस भी हुई हादसे का शिकार : 26 मई 2014 को संत कबीर नगर के चुरेन रेलवे स्टेशन के पास गोरखधाम एक्सप्रेस और मालगाड़ी में भिड़ंत हुई थी। इस दुर्घटना में 22 लोगों की मौत हुई थी।
8- रायगढ़ में पटरी से उतरीं बोगियां : 2014 में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में ट्रेन का इंजन और 6 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हुई थी और 124 घायल हो गए थे।