प्रशासन जवाब दे, आखिर टूटी सड़कों की कब सुध लेगा: आजाद अली
देहरादून। राजधानी देहरादून की सड़कों का बहुत बुरा हाल है। मानसून बीत जाने के बावजूद भी सड़कों की मरम्मत नहीं हो पायी है। नगर की जनता को इस वजह से फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे आम जनता के बीच आक्रोश व्याप्त है। ये कहना है उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली का।
मीडिया से वार्ता करते हुए आजाद अली ने कहा कि स्थानीय प्रशासन जनता की समस्याओं को लेकर उदासीन बना हुआ है। जिस वजह से जनता की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मानसून बीत जाने के बावजूद भी राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग ने जनपद की सड़कों की कोई सुध नहीं ली।
आजाद अली ने कहा कि जनपद की सड़कों का हाल बहुत बुरा हो चुका है। मालूम नहीं पड़ रहा है कि सड़कों में गढ्ढे हैं या गढ्ढ़ों में सड़क। उन्होंने कहा कि टूटी-फूटी सड़कों की वजह से जनपद में रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग चोटिल हो रहे हैं। कई लोग इन हादसों की वजह से अपनी जानें भी गवां चुके हैं। कुछ जगह पर पैचवर्क कर प्रशासन ने अपने कार्यों की इतिश्री कर ली किन्तु कुछ समय बाद ही ये पैचवर्क उखड़कर गहरे गढ्ढ़ों में तब्दील हो गये।
आजाद अली ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन जानबूझकर खस्ताहाल सड़कों की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि शायद राज्य सरकार प्रशासन पर दबाव बनाकर सड़कों के मुद्दे को निकाय चुनाव तक खींचना चाहती है और चुनाव से ठीक पहले सड़कों को दुरूस्त कर वोट बटोरने की कोशिश करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन ने मिलकर मासूम जनता का जीना मुहाल किया हुआ है। चुनाव से पहले तो भाजपा नेताओं ने जनता से कई वायदे किये थे कि वो सत्ता में आने पर हर सुविधा जनता को मुहैया करायेंगे किन्तु सरकार बनने पर भाजपा और उसके नेता अपने किये गये वायदों से मुकर गये जिसका ताजा उदाहरण जनपद की टूटी हुई सड़कों के रूप में नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन जवाब दे, आखिर टूटी सड़कों की कब सुध लेगा। आजाद अली ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही टूटी हुई सड़कों की सुध नहीं ली गई तो आम जनता के सब्र का बांध टूट जायेगा और राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को जनता के आक्रोश का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।