प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर पीएम व सीएम को भेजा ज्ञापन
देहरादून। बुधवार दिनाँक 20 मई 2020 को भारतीय मजदूर संघ केंद्र की आवान पर पूरे देश में देशव्यापी मजदूर विरोधी दिवस मनाया गया। प्रत्येक जिले से व भारतीय मजदूर संघ की प्रत्येक इकाई (भारतीय मजदूर संघ देहरादून से संबंधित सभी 48 संगठन) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन देकर श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध ओर प्रवासी मजदूर की समस्याओ पर ज्ञापन भेजा।
उक्त जानकारी भारतीय मजदूर संघ देहरादून के जिला महामंत्री पंकज शर्मा ने देते हुए कहा कि हम भारतीय मजदूर संघ के सभी कार्यकर्ता राष्ट्रहित, उद्योग हित एवम् श्रमिक हित की धारणा से कार्य करते हैं। इस करोंना विपत्ति काल में हमारे सभी मजदूर श्रमिक द्वारा इसी धारणा पर कार्य करते हुए सर्वप्रथम राष्ट्रहित की बात की गई। आपदा के इस दौर में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्तमंत्री जी के द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पेकेज की घोषणा की गई। हम भारतीय मजदूर संघ केन्द्र सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी संकट के दौरान जब श्रमिकों के हित में फ़ैसले लिए जाने चाहिए तब श्रम कानूनों को ओर भी कमज़ोर किया जा रहा है। आज श्रमिकों से जुड़ी जो भी समस्याएं आ रही हैं उसके पीछे श्रमिक कानूनों का उल्लंघन ही है। अतः भारतीय मजदूर संघ श्रमिक कानूनो मे बदलाव का पुरजोर विरोध करता है।
उन्होंने कहा श्रम विभाग द्वारा समय पर सभी सरकारी,अर्द्ध सरकारी, सविदा, निजी क्षेत्र आदि के कर्मचारी के वेतनमान (मानदेय) का समय से भूगतान कराये। बेरोजगारी, गैर पंजीकृत श्रमिकों व प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत कार्यों, परिवहन कर्मचारियों, वन निगम कर्मचारियों, होटल कर्मचरियो, विधालय कर्मचारियों, रेहड़ी वालों, व खुद का व्यवसाय करने वालों की समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराएंगे।
भारतीय मजदूर संघ करोंना महामारी संकट के दौरान प्रवासी श्रमिकों, दिहाड़ी मज़दूरों के बीच चलाए गए सरकार द्वारा राहत कार्यों के लिए सरकार का हार्दिक अभिनंदन करता है। यहाँ भी उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन मे भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता जगह-जगह पर उन श्रमिकों के लिए राहत कार्य संचालित कर रहे हैं जिन्हें बेरोजगारी और समय पर वेतनमान का भूगतान न होने पर भोजन इत्यादि की समस्याओ झेलना पड़ रहा है।
एक ओर जहां हमारा पूरा देश कोरोना जैसी खतरनाक ओर जानलेवा महामारी से जूझ रहा है।संकट की इस घड़ी में आयुध निर्माणीयो के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दिन रात मेहनत कर इस महामारी से निबटने के लिए सेफ्टी समान का उत्पादन किया। इसके बावजूद ऐसे समय में केंद्र सरकार द्वारा राहत पैकेज के नाम पर आयुध निर्माणीयो को निगमीकरण का निर्णय लिया गया। यह न केवल निंदनीय है अपितु आयुध निर्माणीयो ऑर्डनेंस के कर्मचारीयों एवम् देश की रक्षा के साथ धोखे बाज़ी है। अतः केंद्र सरकार निजीकरण व निगमीकरण के राष्ट्र के सुरक्षा विरोधी निर्णय को तत्काल वापस ले। सभी केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों का DA फ्रीजिग किया गया है उसे तत्काल बाहल किया जाए।
ज्ञापन में मांग की गई है कि लॉक डाउन के समय में आशा कार्यकर्ता, एन एच एम कर्मचारी, आशा फैसिलिटेटर, आंगनवाड़ी व स्वास्थ्य संबंधित कर्मचारियो ने अपनी जान को खतरे में डालकर करोना मरीजों का इलाज व सर्वे इत्यादी किया। हम भारतीय मजदूर संघ सरकार से माँग करते है कि इन सभी को सरकारी कर्मचारी घोषित करे तथा उचित प्रोत्साहन देकर सम्मानित करे।
ज्ञापन में मांग की गई है कि महोदय आपके द्वारा घोषित लॉक डाउन की अवधि में सभी कर्मचारियों को वेतन का पूर्ण भुगतान हो। लॉक डाउन में मजदूरों को आधार में छोड़ने वाले ठेकेदारों/मालिकों के विरुद्ध उचित कार्रवाई सुनिश्चित हो। प्रवासी श्रमिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर बनाया जाए। प्रवासी मजदूर श्रमिक जो अपने मूल गांव राज्य में वापस आए हैं, उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार खुलकर रोजगार दिया जाए। सरकारी योजना के तहत सड़क, भवन, विद्युत, सिंचाई, मनरेगा आदि पर कार्य का विस्तार स्थानीय श्रमिकों द्वारा के किया जाए। स्थानीय स्तर पर पंजीकृत श्रमिकों को भी परीक्षण इत्यादी कराकर रोजगार देकर श्रमिकों की बेरोजगारी को दूर किया जाए।
आंचल दूध डेरी के कर्मचारियों का अभी तक 7वे पे कमिशन का लाभ नहीं प्राप्त हुआ है, उन्हें तत्काल 7वे पे कमीशन का लाभ दिया जाए। कुमाऊं व गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मियों का जो वेतन कटौती करने का निर्णय लिया गया है, उसे तत्काल निरस्त किया जाए। किसी भी विभाग के श्रमिक की वेतन में कटौती ना की जाए।