सुरंग से मलबा हटाने में आ रही दिक्कतें, अभी भी 170 लोग हैं लापता
चमोली। रविवार को उत्तराखंड में आई आपदा का कहर अभी भी कम नहीं हुआ है। रेस्क्यू अभियान में लगातार दिक्कतें सामने आ रही हैं। राज्य के चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से 170 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 34 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 9 की शिनाख्त हो गई है। बुधवार को चौथे दिन भी राहत बचाव कार्य जारी है। वहीं मंगलवार काे रातभर टनल से मलबा हटाने का कार्य चला। इस दौरान ड्रोन की भी मदद ली गई। बताया जा रहा है कि अभी टनल से मलबा हटाने में और समय लगेगा।
ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 कर्मचारियों तक पहुंचने में सुरंग के जरिए भारी मात्रा में आ रहा मलबा बचाव दल के समक्ष बड़ी बाधा बनकर सामने आया है।
100 मीटर के आगे खोदाई के बाद बचाव दल को उम्मीद बंध गई थी कि वे फंसे लोगों तक जल्द पहुंच जाएंगे। बचाव कार्यों की मॉनीटरिंग कर रहे गढ़वाल के आयुक्त रविनाथ रामन ने जानकारी दी कि सुरंग में 100 मीटर के पास जितना मलबा निकाला जा रहा है, दोबारा उतना ही मलबा इकट्ठा हो जा रहा है। इसलिए उससे आगे बढ़ना मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
बुधवार को एक अज्ञात का शव श्रीनगर और एक रुद्र प्रयाग से मिला। इसको लेकर आपदा के बाद मिले शवों की संख्या 33 हो गई है। लापता बताए लोगों में से एक सहारनपुर और दूसरा चमोली में मिला। लापता लोगों की कुल संख्या 170 रह गई है। दूसरी ओर हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं।
ऋषि गंगा की जल प्रलय के बाद उपजे हालात से पूरी मशीनरी जूझ रही है। तपोवन परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग से मलबा हटाने का काम रात-दिन जारी है। बताया जा रहा है कि तीन किलोमीटर लंबी सुरंग के 180 मीटर पर एक मोड़ है। इसी मोड़ पर लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
पहले दावा किया गया था कि आईटीबीबी का बचाव दल मलबा हटाते हुए 150 मीटर तक पहुंच गया है। लेकिन रात लगभग नौ बजे गढ़वाल आयुक्त ने लगभग सौ मीटर तक ही सुरंग का मलबा साफ करने की जानकारी दी। मंगलवार रात को सुरंग में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन की मदद ली गई थी, लेकिन मलबा अधिक होने के कारण ड्रोन अधिक दूरी तक नहीं जा सका। वहीं आपदा क्षेत्र से बहकर रुद्रप्रयाग पहुंचे शव की शिनाख्त सूरज पुत्र बेेचू लाल, निवासी- बाबूपुर, जिला- लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है।