Breaking NewsHealthUttarakhand

जनसेवी अजय सोनकर ने ड़ेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर व्यक्त की चिंता, लोगों से की ये अपील

देहरादून। प्रसिद्ध समाजसेवी, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी, चुक्खुवाला के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ़ घोंचू भाई ने जनपद देहरादून में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर एक बार फिर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने सभी लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है।

गौरतलब है कि देहरादून जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को पांच और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। ऋषिकेश का चंद्रेेश्वरनगर डेंगू का हॉट स्पॉट बना हुआ है। यहां अब तक डेंगू के 16 मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं शुक्रवार तक 43 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।

जनसेवी अजय सोनकर ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू की एलाइजा जांच निशुल्क होती है। डेंगू के कुछ मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत भी पड़ने लगी है। शहर के विभिन्न ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ रही है। हालांकि, स्थिति अभी नियंत्रण में बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार एडीज इजिप्टाई और एडीज एल्बोपिक्टस मादा मच्छर (टाइगर) के काटने से फैलने वाला वायरल बुखार है। डेंगू मच्छर के शरीर पर काले व सफेद रंग की पट्टियां होती हैं। यह ज्यादातर दिन में ही काटते हैं।

पूर्व पार्षद अजय सोनकर ने कहा कि एडीज मच्छर साफ व जमा पानी में पनपते हैं। ऐसे में ज्यादा दिनों तक पानी एकत्र न होने दें। एडीज मच्छर बर्तन, पानी की टंकी, कूलर, फूलदान, टूटी-फूटी बोतलों, नारियल की खोल, गमले, टंकी के ढक्कन के किनारे, पुराने टायर, डिब्बे आदि और पत्तियों व चम्मच भर पानी भी अगर एक सप्ताह तक ठहरा हो तो उसमें पैदा हो जाता है।

उन्होंने कहा कि ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछलेे भाग में दर्द होना, अत्यधिक कमजोरी, भूख न लगना, गले में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते साधारण डेंगू बुखार के लक्षण हैं। यह लगभग 5-7 दिन तक रहता है। रोगी परहेज करे तो स्वयं ठीक हो जाता है। हैमरेजिक डेंगू बुखार में साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ त्वचा पर गहरे नीले, काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते पड़ना, नाक व मसूड़ों से खून आना आदि रक्तस्राव के लक्षण हैं। वहीं, डेंगू शॉक सिंड्रोम में हैमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ ही रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाता है। तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा ठंडी महसूस होती है। रोगी धीरे-धीरे होश खोने लगता है। नाड़ी तेज और कमजोर महसूस होती है। रक्तचाप कम होने लगता है।

पूर्व पार्षद अजय सोनकर ने डेंगू से बचाव के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि रात में मच्‍छरदानी का इस्‍तेमाल करें। घर में 24 घंटे मॉस्किटो रेपलेंट्स आदि का इस्‍तेमाल करें। घर के आसपास अगर जल स्रोत है तो शाम होते-होते दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर लें। शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहने। घर या घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। कूलर, गमलों व बाल्‍टी आद‍ि में जमा पानी को गिराते रहें। साथ ही किचन और बाथरूम में भी पानी को ढककर रखें। डेंगू के लक्षण दिखते ही सबसे पहले डॉक्‍टर से संपर्क करें और बताए गए टेस्‍ट करावाएं। ध्यान रखें सावधानी से ही बचाव संभव है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button