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जनसेवी अजय सोनकर ने दी बीटींग रिट्रीट की हार्दिक शुभकामनाएं

उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है बीटिंग रिट्रीट। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। हर साल गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी की शाम को ‘बीटिंग द रिट्रीट’ (Beating The Retreat) कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी, चुक्खुवाला के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर ऊर्फ घोंचू भाई ने समस्त देशवासियों को बीटींग रिट्रीट की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- आप सभी को बीटींग रिट्रीट की हार्दिक शुभकामनाएं।

पूर्व पार्षद अजय सोनकर ने कहा- ‘बीटिंग द रिट्रीट’ की परंपरा सदियों पुरानी है। कहा जाता है कि 17वीं सदी में इंग्लैंड में इसकी शुरुआत हुई थी। तब जेम्स II ने शाम को जंग खत्म होने के बाद अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडा झुकाने और परेड करने का आदेश दिया था। उस वक्त इस समारोह को वॉच सेटिंग कहा जाता था। तब से ये बीटिंग रिट्रीट की परंपरा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में मनाई जाने लगी। भारत में पहली बार 1950 में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ था। तब इसके दो कार्यक्रम हुए थे। पहला कार्यक्रम दिल्ली में रीगल मैदान के सामने मैदान में हुआ था और दूसरा लालकिले में।

उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है बीटिंग रिट्रीट। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। हर साल गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी की शाम को ‘बीटिंग द रिट्रीट’ (Beating The Retreat) कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। दिल्ली स्थित रायसीना रोड पर राष्ट्रपति भवन के सामने इसका प्रदर्शन किया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह की तरह यह कार्यक्रम भी देखने लायक होता है। इसके लिए राष्ट्रपति भवन, विजय चौक, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक बेहद सुंदर रोशनी के साथ सजाया जाता है।

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