जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर जनसेवी अजय सोनकर ने किया नमन
उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड को आज 104 साल पूरे हो गए हैं। बैसाखी के दिन क्रूर अंग्रेजों ने सैकड़ो भारतीयों को गोलियों से भूनकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। इतिहास के पन्नो में दर्ज अंग्रेजों के अत्याचार की यह घटना भारतीयों को क्रोध, दुख और गर्व से भर देती है।
देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी (स्मृति दिवस) पर अमर बलिदानियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया।
इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- देश की स्वतंत्रता हेतु अपने प्राणों की आहुति देने वाले ‘जलियांवाला बाग’ के अमर बलिदानियों को कोटिशः नमन। मां भारती के वीर सपूतों का बलिदान स्थल ‘जलियांवाला बाग’ चिरकाल तक हर भारतवासी के हृदय में राष्ट्र सेवा की ज्योति जागृत करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड को आज 104 साल पूरे हो गए हैं। बैसाखी के दिन क्रूर अंग्रेजों ने सैकड़ो भारतीयों को गोलियों से भूनकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। इतिहास के पन्नो में दर्ज अंग्रेजों के अत्याचार की यह घटना भारतीयों को क्रोध, दुख और गर्व से भर देती है। यह घटना इतनी दर्दनाक थी कि आज भी इसके बारे में सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
अजय सोनकर ने स्मृति दिवस पर जलियांवाला बाग हत्याकांड का स्मरण करते हुए कहा कि जालियांवाला बाग में रॉलेट एक्ट और सत्यपाल व सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी। इसमें काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने नहत्थे लोगों पर गोलियां चलवा दी। जान बचाने के लिए निहत्थे लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला। पार्क से बाहर निकलने के लिए एक संकरा सा रास्ता था इसे भी अंग्रेज सिपाहियों ने बंद कर दिया था। 10 मिनट तक बाग को घेरे अंग्रेजों ने चारो तरफ से गोलियां बरसाईं। कुछ लोग तो अपनी जान बचाने के लिए कुंए में कूद गए थे। ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में 379 लोग मारे गए थे जबकि 1200 से अधिक लोग घायल हुए थे।