गुरू अंगद देव जी की पुण्यतिथि पर जनसेवी अजय सोनकर ने अर्पित किये श्रद्धासुमन
अजय सोनकर ने कहा- आध्यात्मिक चेतना के संवाहक, गुरूमुखी लिपि के रचियता एवं सिख पंथ के द्वितीय धर्मगुरू श्रद्धेय गुरू अंगद देव जी महाराज स्वयं एक महान लेखक, मौलिक चिंतक तथा संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे।
देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18, इंदिरा कॉलोनी के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ़ घोंचू भाई ने सिखों के दूसरे गुरू, गुरू अंगद देव महाराज जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें सादर नमन किया।
इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- सिख संप्रदाय के द्वितीय गुरु अंगद देव महाराज जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत्-शत् नमन। सदा प्रेम, एकता व भाईचारे का संदेश देने वाले गुरू अंगद देव महाराज जी का आदर्शपूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।
पूर्व पार्षद अजय सोनकर ने गुरु अंगद देव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरू अंगद देव सिखो के दूसरे गुरू थे। गुरू अंगद देव महाराज जी का सृजनात्मक व्यक्तित्व था। उनमें ऐसी अध्यात्मिक क्रियाशीलता थी जिससे पहले वे एक सच्चे सिख बने और फिर एक महान गुरु। गुरू अंगद साहिब जी का जन्म हरीके नामक गाँव में हुआ था जो कि फिरोजपुर, पंजाब में आता है।
उन्होंने कहा- आध्यात्मिक चेतना के संवाहक, गुरूमुखी लिपि के रचियता एवं सिख पंथ के द्वितीय धर्मगुरू श्रद्धेय गुरू अंगद देव जी महाराज स्वयं एक महान लेखक, मौलिक चिंतक तथा संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। वे भक्ति तथा शक्ति के अद्वितीय संगम थे। उनकी वाणी में मधुरता, सादगी, सौजन्यता एवं वैराग्य की भावना कूट-कूटकर भरी थी। उनके जीवन का प्रथम दर्शन ही था कि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य की सदैव विजय होती है।