रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर जनसेवी अजय सोनकर ने किया नमन
अजय सोनकर ने वीरांगना रानी दुर्गावती के योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम् कर कहा कि आज रानी माता का बलिदान दिवस है। आज के ही दिन मुगलों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपना बलिदान दिया था, वे स्वधर्म-संस्कृति और स्वाभिमान के लिए अंतिम सांस तक लड़ी।
देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवक, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं वार्ड संख्या 18 इदिरा कॉलोनी के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने अमर बलिदानी वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन किया।
जनसेवी अजय सोनकर ने इस दौरान जारी अपने संदेश में कहा- चन्देलों की बेटी, गोंडावाना की शासिका, अमर बलिदानी वीरांगना रानी दुर्गावती जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
अजय सोनकर ने वीरांगना रानी दुर्गावती के योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम् कर कहा कि आज रानी माता का बलिदान दिवस है। आज के ही दिन मुगलों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपना बलिदान दिया था, वे स्वधर्म-संस्कृति और स्वाभिमान के लिए अंतिम सांस तक लड़ी। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती सुशासन की सूत्रधार थीं। उन्होंने लगभग 23 हजार गाँवों में विकास के अद्भुत कार्य किए थे, वे सभी गाँव धन-धान्य से परिपूर्ण थे। उन्होंने अपने अल्प जीवन काल में 52 लडा़इयाँ लड़ी, जिनमें 51 में उन्होंने विजय प्राप्त की थी।
उन्होंने वीरांगना रानी दुर्गावती के अदम्य साहस और संघर्ष का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अकबर की सेनाओं को तीन बार पराजित किया था। तब आसफ खाँ ने विशाल सेना लेकर अक्रमण किया और जब यह लगा कि अब विजय कठिन है तो रानी दुर्गावती ने अपनी कटार सीने में उतार कर अपना बलिदान दे दिया। रानी माँ हम सबकी श्रद्धा और आस्था की केन्द्र हैं, रानी माँ हमें स्वाभिमान, सम्मान और स्वधर्म के लिए सब कुछ न्यौछावर करने के लिए प्रेरित करती हैं।