जनसेवी अजय सोनकर ने स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर किया नमन
जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- स्वामी दयानन्द सरस्वती जो कि आर्य समाज के संस्थापक के रूप में पूज्यनीय हैं। यह एक महान देशभक्त एवम मार्गदर्शक थे, जिन्होंने अपने कार्यो से समाज को नयी दिशा एवं उर्जा दी। महात्मा गाँधी जैसे कई वीर पुरुष स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों से प्रभावित थे।
देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर ऊर्फ घोंचू भाई ने महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन किया।
इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- महान समाज सुधारक, ओजस्वी संत एवं आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
जनसेवी अजय सोनकर ने कहा- स्वामी दयानन्द सरस्वती जो कि आर्य समाज के संस्थापक के रूप में पूज्यनीय हैं। यह एक महान देशभक्त एवम मार्गदर्शक थे, जिन्होंने अपने कार्यो से समाज को नयी दिशा एवं उर्जा दी। महात्मा गाँधी जैसे कई वीर पुरुष स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों से प्रभावित थे। स्वामी जी का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ। वे जाति से एक ब्राह्मण थे और इन्होने शब्द ब्राह्मण को अपने कर्मो से परिभाषित किया। ब्राह्मण वही होता हैं जो ज्ञान का उपासक हो और अज्ञानी को ज्ञान देने वाला दानी।
अजय सोनकर ने कहा कि स्वामी जी ने जीवन भर वेदों और उपनिषदों का पाठ किया और संसार के लोगो को उस ज्ञान से लाभान्वित किया। इन्होने मूर्ति पूजा को व्यर्थ बताया। निराकार ओमकार में भगवान का अस्तित्व है, यह कहकर इन्होने वैदिक धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताया। वर्ष 1875 में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की। 1857 की क्रांति में भी स्वामी जी ने अपना अमूल्य योगदान दिया। अंग्रेजी हुकूमत से जमकर लौहा लिया और उनके खिलाफ एक षड्यंत्र के चलते 30 अक्टूबर 1883 को उनकी मृत्यु हो गई।