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बिना वेतन व रिन्यूअल के कोविड-19 के लिए कार्य कर रहे हैं लाचार एड्स नियंत्रण संविदा कर्मी

देहरादून। इस समय जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं कुछ कर्मवीर बिना किसी वेतन के लोगों की सेवा में जुटे हैं।आपको बता दें कि वर्तमान में लगभग समस्त एड्स नियंत्रण संविदा कर्मी अपने मूल कार्य के अतिरिक्त कोविड-19 के लिए ड्यूटी कर रहे हैं।

लेकिन दुर्भाग्य है कि इतने जोखिम में कार्य करने के बाद भी उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा ना तो इनका 1 अप्रैल 2020 से होने वाला रिन्यूअल (सेवा नवीनीकरण) ही किया गया और ना ही इनका माह अप्रैल का वेतन ही दिया गया। जबकि अन्य सभी राज्यों में एड्स नियंत्रण संविदा कर्मियों को बराबर वेतन मिल रहा है।

ऐसे में मजबूर संविदा कर्मियों के समक्ष रोजी-रोटी का बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया है। खासतौर पर उनके सामने जो कि अपने घरों से दूर अल्प वेतन में सेवाएं दे रहे हैं। शोषण की पराकाष्ठा तो यहां तक है कि सिर्फ उत्तराखंड राज्य में एड्स नियंत्रण संविदा कर्मियों को भारत सरकार द्वारा देय वार्षिक वेतन वृद्धि 2014-15 एवं 2015-16 का लाभ दिशा निर्देशों के बावजूद आज तक नहीं दिया गया है।

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जबकि समिति के पास इसके भुगतान हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है। वहीं अन्य सभी राज्यों में यह लाभ पूर्ण रूप से दिया जा चुका है। बावजूद इसके यह कोरोना वारियर्स अपनी जान हथेली पर लेकर दिन-रात खामोशी से समाज की सेवा में जुटे हुए हैं। सरकार को इन कोरोना योद्धाओं की सुध लेनी चाहिए।

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