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उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर जनसेवी भावना पांडे ने व्यक्त की चिंता, कही ये बात

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी, उत्तराखंड की बेटी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की है।

प्रसिद्ध जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा विवाद के चलते उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। इस कारण फिलहाल कोई नई भर्ती जल्द शुरू होने की संभावना नज़र नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि जनवरी में आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक आयोग की कोई भी भर्ती नहीं हुई है। इस कारण साल 2022 भर्तियों के लिहाज से सूखा बीत रहा है।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने आगे कहा कि बीती आठ जनवरी को विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले, आयोग ने पुलिस सहित कई विभागों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन तब से सात महीने बीतने के बावजूद एक भी नई भर्ती नहीं हुई है। इस बीच, विभिन्न विभागों में सहायक लेखाकार, व्यैक्तिक सहायक व कनिष्ठ सहायक के करीब सात सौ रिक्त पदों का अधियाचन आयोग को मिल चुका है।

उन्होंने कहा कि आयोग के द्वारा इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व ही, वह स्वयं स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा विवाद में आ गया है। इसके चलते आयोग अध्यक्ष एस. राजू को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। चूंकि अध्यक्ष, आयोग में विभागध्यक्ष भी होता है, इसलिए नई भर्ती शुरू करने के लिए विभागाध्यक्ष की अनुमति जरूरी है।ऐसे में अब नए अध्यक्ष के आने के बाद ही नई भर्ती शुरू हो पाएगी।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने चिंता जताते हुए कहा कि आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद भी रिक्त है, जबकि सचिव की प्रतिनियुक्ति भी अगले माह पूरी हो रही है। इस तरह आयोग की नई टीम बनने और इसके कामकाज को पूरी तरह समझने के बाद ही नई भर्ती संभव हो पाएगी। इधर, आयोग को तकनीकी सहायता देने वाली कंपनी और प्रिंटिंग प्रेस भी बैन हो चुकी है। ऐसे में आयोग का काम पूरी तरह से सुचारू होने में दो से तीन माह का समय लग सकता है। उसके बाद ही नई भर्ती हो पाएगी।

उन्होंने कहा कि आयोग में इन दिनों सचिवालय सेवा, इंटरमीडिएट स्तर जैसी भर्ती परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों के कागजों का सत्यापन लंबित है। वहीं इस समय आयोग का फोकस जांच पर है। एसआईटी लगभग रोज ही आयोग से कोई न कोई जानकारी ले रही है। इससे अन्य सभी काम लंबित चल रहे हैं। उन्होंने राज्य के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर अपनी परवाह जताते हुए कहा कि भर्ती परीक्षा विवाद के चलते उत्तराखंड के कईं बेरोजगार युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। लम्बे समय से भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रदेश के मासूम बेरोजगार युवाओं को निराश होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही बेरोजगार युवाओं को राहत देने का कोई हल निकाले व भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करे, जिससे रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं को राहत मिल सके।

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