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उत्तराखंड के कईं जिलों में बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर जनसेवी भावना पांडे ने जताई चिंता, लोगों से की ये अपील

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे जनपद देहरादून समेत उत्तराखंड के कईं जिलों में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने ड़ेंगू से बचाव के लिए सभी लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है।

देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में एक ओर जहां कोरोना संक्रमण कम होता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर बढ़ते डेंगू के मामलों ने चुनौती बढ़ा दी है। राज्य के पांच जिलों में डेंगू संक्रमण दस्तक दे चुका है। प्रदेश में अब तक डेंगू के 192 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए प्रभावित जिलों को गहन निगरानी करने के बात कही।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश के मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत पौड़ी व टिहरी जिले में लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। इन पांच जिलों में अब तक कुल 192 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि अभी तक प्रदेश में डेंगू से कोई मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू की एलाइजा जांच निशुल्क होती है। डेंगू के कुछ मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत भी पड़ने लगी है। शहर के विभिन्न ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ रही है। हालांकि, स्थिति अभी नियंत्रण में बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार एडीज इजिप्टाई और एडीज एल्बोपिक्टस मादा मच्छर (टाइगर) के काटने से फैलने वाला वायरल बुखार है। डेंगू मच्छर के शरीर पर काले व सफेद रंग की पट्टियां होती हैं। यह ज्यादातर दिन में ही काटते हैं।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि एडीज मच्छर साफ व जमा पानी में पनपते हैं। ऐसे में ज्यादा दिनों तक पानी एकत्र न होने दें। एडीज मच्छर बर्तन, पानी की टंकी, कूलर, फूलदान, टूटी-फूटी बोतलों, नारियल की खोल, गमले, टंकी के ढक्कन के किनारे, पुराने टायर, डिब्बे आदि और पत्तियों व चम्मच भर पानी भी अगर एक सप्ताह तक ठहरा हो तो उसमें पैदा हो जाता है।

उन्होंने कहा कि ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछलेे भाग में दर्द होना, अत्यधिक कमजोरी, भूख न लगना, गले में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते साधारण डेंगू बुखार के लक्षण हैं। यह लगभग 5-7 दिन तक रहता है। रोगी परहेज करे तो स्वयं ठीक हो जाता है। हैमरेजिक डेंगू बुखार में साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ त्वचा पर गहरे नीले, काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते पड़ना, नाक व मसूड़ों से खून आना आदि रक्तस्राव के लक्षण हैं। वहीं, डेंगू शॉक सिंड्रोम में हैमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ ही रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाता है। तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा ठंडी महसूस होती है। रोगी धीरे-धीरे होश खोने लगता है। नाड़ी तेज और कमजोर महसूस होती है। रक्तचाप कम होने लगता है।

जनसेवी भावना पांडे ने डेंगू से बचाव के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि रात में मच्‍छरदानी का इस्‍तेमाल करें। घर में 24 घंटे मॉस्किटो रेपलेंट्स आदि का इस्‍तेमाल करें। घर के आसपास अगर जल स्रोत है तो शाम होते-होते दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर लें। शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहने। घर या घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। कूलर, गमलों व बाल्‍टी आद‍ि में जमा पानी को गिराते रहें। साथ ही किचन और बाथरूम में भी पानी को ढककर रखें। डेंगू के लक्षण दिखते ही सबसे पहले डॉक्‍टर से संपर्क करें और बताए गए टेस्‍ट करावाएं। ध्यान रखें सावधानी से ही बचाव संभव है।

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