उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में आ रही दैवीय आपदाओं पर जनसेवी भावना पांडे ने जताया दुःख
देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में आ रही दैवीय आपदाओं पर दुःख जताया है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करने के साथ ही सरकार से आपदा प्रभावितों को राहत मुहैया करवाने की मांग की है।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने प्रदेश में आ रही प्राकृतिक आपदाओं पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड में क़ुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी कुमाऊँ के धारचूला में आई दैवीय आपदा को कुछ वक़्त ही गुज़रा था कि प्रकृति ने यहाँ कपकोट क्षेत्र में भी अपना क़हर बरपा दिया।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि कपकोट में बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से पौंसारी, बमसेरा, रिखाणी में भारी नुकसान हुआ है। बैसानी ग्राम पंचायत के पौंसारी तोक में बादल फटने जैसा मंजर दिखाई दे रहा है। पौंसारी के गांव और प्राथमिक स्कूल और खेत खलिहान मलबे से पट गए हैं। कुंज्याणी गधेरे के कटाव से बमसेरा, रिखाणी में कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं। वहीं ऐठाण-रिखाणी-बमसेरा को जोड़ने वाली दो पुलिया खतरे की जद में आ गई हैं। कपकोट में शनिवार की रात 107.5 मिमी और रविवार को 35 मिमी बारिश हुई।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि क्षेत्र में भारी बरसात के कारण आई तबाही में बहकर आया मलबा लोगों के घरों में घुस गया। जिस वजह से ग्रामीणों का काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार व स्थानीय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि तत्काल आपदा प्रभावितों की सुध ली जाए एवं राहत व बचाव कार्य करते हुए पीड़ितों को सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाई जाएं।
जनसेवी भावना पांडे ने कुमाऊँ वासियों से अपील करते हुए कहा कि राज्य के मौसम विभाग ने कुमाऊँ क्षेत्र के चार जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। इसलिए इस पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी लोग बेहद सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की ओर से इस संबंध में यलो अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में अगले 24 घंटे में भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में नदियों, नालों के किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में बसे लोगों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों से भी सतर्क रहने का अनुरोध किया है।