पिथौरागढ़ के धारचूला में आई प्राकृतिक आपदा पर जनसेवी भावना पांडे ने जताया दुःख, सरकार से की मदद पहुंचाने की मांग
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने पिथौरागढ़ के धारचूला में ग्राम रांथी (खोतिला) में आयी दैवीय आपदा पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने सरकार से आपदा पीड़ितों को हर संभव मदद मुहैया कराने की मांग की है।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला मे ग्राम रांथी (खोतिला) में आयी दैवीय आपदा पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। देहरादून के मालदेवता और टिहरी क्षेत्र में आई आपदा के ज़ख्म अभी भरे भी नहीं कि एक और बड़ी आपदा उत्तराखंड में आ गई।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि धारचूला में आई आपदा में अपना सब कुछ गंवा देने वाले परिवार सदमे में हैं। आपदा ने एक पल में ही उनका आशियाना छीन लिया। मेहनत से पाई-पाई जमा कर बनाए गए घरों के साथ ही लाखों का सामान भी जलमग्न हो गया। बच्चों के भविष्य के लिए जमा पूंजी भी मलबे और पानी में समा गई। अब उनके पास है आंसुओं के सिवाय कुछ नहीं बचा है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि तत्काल आपदा प्रभावित लोगों को हर जरूरी मदद पहुंचाई जाए एवं राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानों ईश्वर हम पहाड़वासियों की परीक्षा ले रहे हों। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि भगवान आपदा पीड़ितों के सभी दर्द व कष्टों को दूर करें।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि धारचूला में आई आपदा लोगों को राहत शिविर में ले आई, अपना घर हमेशा के लिए छूट गया। इन आपदा प्रभावितों के दर्द को सिर्फ वो ही समझ सकते हैं जो इस तक़लीफ़ से गुज़र रहे हैं। सरकार पूरी कोशिश करे कि इनका जीवन पटरी पर लौट आए लेकिन ये सब इतना आसान नहीं है, वक्त लगेगा इन ज़ख्मों को भरने में।
जनसेवी भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने का हर संभव कार्य तत्परता से किया जाए। आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों के लिए रहने, खाने और कपड़ों की उचित व्यवस्था की जाए, जिसका भुगतान सरकार के माध्यम से किया जाए। साथ ही सभी प्रभावित परिवारों की आर्थिक सहायता की जाए। इसके अलावा आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए सरकार हरसंभव कार्य करे।