गौरी उड़ियार मंदिर की दुर्दशा पर जनसेवी भावना पांडे ने जताया अफसोस, सरकार से की सुध लेने की माँग

देहरादून/बागेश्वर। उत्तराखंड अपनी नायाब खूबसूरती के लिए विश्व विख्यात है। यहां आपको सुंदर व पौराणिक मन्दिरों से लेकर कई बेहतरीन जगहें देखने को मिलेगी। उत्तराखंड की खूबसूरती को शब्दों में बयां कर पाना बेहद मुश्किल है। उत्तराखंड का ऐसा ही एक खुबसूरत शहर है बागेश्वर। ये शहर अपनी खूबसूरती और कई प्राचीन मंदिरो के लिए पूरे देश में जाना जाता है। यहां कई ऐसे मंदिर है जिनकी अलग-अलग मान्यताएं हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि बागेश्वर भगवान शिव का शहर है। अगर आपको भी कभी बागेश्वर जाने का मौका मिलें तो यहाँ के मन्दिरों के दर्शन जरुर करें।
बागेश्वर के ऐसे ही प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिरों में से एक है गौरी उडियार, ये बागेश्वर शहर से करीब 7 किमी दूर है। यह मंदिर एक गुफा के अंदर बना हुआ है। कुमाऊँनी बोली में, ‘उड़ियार’ एक छोटी चट्टान की गुफा को कहा जाता हैं, जहां बाघ और अन्य जंगली जानवर रहते हैं। यह मंदिर भी शिव भगवान को समर्पित है। भगवान शिव और पार्वती से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी इस पवित्र मन्दिर को लेकर प्रचलित है। उत्तराखंड का प्राचीन पौराणिक स्थल होने के बावजूद भी गौरी उडियार मंदिर सरकारी उपेक्षा का शिकार बना हुआ है, जिस पर ध्यान देना राज्य का पर्यटन विभाग मुनासिब नहीं समझता है।
वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, जनता कैबिनेट पार्टी की केन्द्रीय अध्यक्ष एवं प्रसिध्द समाजसेवी भावना पांडे ने गौरी उडियार मंदिर का भ्रमण कर एवं वहाँ के दर्शन कर भगवान की पूजा-अर्चना की। उन्होंने इस क्षेत्र की दुर्दशा देख दुख प्रकट किया साथ ही सरकार, प्रशासन एवं राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा इस धार्मिक स्थल को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर अपना रोष जाहिर किया।
इस मंदिर स्थल की उपेक्षा पर गुस्साईं जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार की हकीकत इस जगह को देखकर साफ ज़ाहिर हो रही है। इस मंदिर की बदहाली ने सरकारी दावों की कलई खोलकर रख दी है।
उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिमाचल से आकर गौरी उडियार में शिवजी की बारात रुकी थी, यहाँ स्थित प्राचीन शिवलिंग एवं माता की डोली इसके मुख्य प्रतीक एवं प्रमाण हैं। प्राचीन काल में चंद्र राजा इस स्थान पर पूजा-पाठ किया करते थे। यहाँ मौजूद पवित्र कुंड, नदी एवं भव्य गुफा इस जगह की सुन्दरता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि कागज़ों में इसे राज्य का आठवां पर्यटन स्थल दर्शाया गया है किन्तु हमारे उत्तराखंड के लिए ये बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि यहां पर तीन किलोमीटर तक कोई सड़क नहीं जाती है।
जनसेवी भावना पांडे ने बताया कि लगभग 18 वर्ष पूर्व उन्होंने बच्ची सिंह रावत जी से कहकर यहाँ के गाँव तक सड़क का निर्माण करवाया था। उन्होंने बताया कि यहां गाँव से स्कूल तक जाने वाला मार्ग भी नहीं बना है, जबकि गाँव से स्कूल तक सड़क बनाने के लिए मुआवजा भी मिला हुआ है, किन्तु आजतक यहाँ पर सड़क का निर्माण नहीं किया गया है। उन्होने संबंधित ठेकेदार की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ठेकेदार सारा पैसा हज़म कर चुका है। इसी प्रकार गौरी उडियार तक लगभग साढ़े तीन किलोमीटर तक का मार्ग है, उन्होंने सरकार से निवेदन करते हुए एवं उम्मीद जताते हुए कहा कि उत्तराखंड के इस आठवें पर्यटन स्थल तक पक्की सड़क पहुंचाई जाए।
बागेश्वर के प्रचीन गौरी उडियार मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए जनसेवी भावना पांडे ने बताया कि इस मन्दिर का ज़िक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार पहले यहां दूध निकलता था, जो समय के साथ विलुप्त हो गया। ये उत्तराखण्ड की एक बेहद खुबसूरत गुफा है।
इस क्षेत्र के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ये जगह बागेश्वर के पन्नरपाली से लगभग 7 किलोमीटर ऊपर स्थित है। उन्होंने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को पन्नरपाली, हडबाड़ और पूर्वकोट ग्राम पंचायतों से जोड़ा जाए। पूर्वकोट ग्राम सभा में बसा छोटा सा गाँव गरबडयार संपर्क मार्ग (पक्की सड़क) न होने की वजह से आसपास के इन क्षेत्रों से ही कटा हुआ है।
वरिष्ठ राज्य अन्दोलनकारी भावना पांडे ने बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र के इस इलाके की दुर्दशा और बदहाली पर दुख व अफसोस जताते हुए कहा कि सरकार को शीघ्र ही इस जगह की सुध लेनी चाहिए जिससे हमारे प्राचीन मंदिरों एवं पौराणिक स्थलों का अस्तित्व बरकरार रह सके।
जनसेवी भावना पांडे ने राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से मांग करते हुए कहा कि एक बार वे स्वयं इस क्षेत्र का मुआयना करें, जो कि उत्तराखंड का आठवां पर्यटन स्थल है। इसका उल्लेख स्वयं पर्यटन विभाग द्वारा यहाँ लगाये गए बोर्ड पर किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का पर्यटन विभाग एवं इससे जुड़े लोग अब भगवान के साथ भी धोखा करने पर उतर आएं हैं। उन्होंने सतपाल महाराज से अनुरोध करते हुए कहा कि इस पवित्र स्थल का तत्काल संज्ञान लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में संपर्क मार्ग समेत सभी उचित सुविधाएँ मुहेया करवाई जाएं। साथ ही इस जगह पर एक धर्मशाला एवं भगवान शिव-पार्वती के मंदिर का भी निर्माण करवाया जाए।