मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा फिल्म सम्राट पृथ्वीराज देखने पर जनसेवी भावना पांडे ने ख़ड़े किये सवाल, कही ये बात
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित सिल्वर सिटी मॉल में अपने कैबिनेट सहयोगियों एवं विधायकों के साथ फिल्म सम्राट पृथ्वीराज देखी। यही नहीं उत्तराखंड सरकार द्वारा फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री भी किया गया है। मुख्यमंत्री एवँ सरकार के मंत्रियों द्वारा सामुहिक रूप से फ़िल्म देखे जाने पर जनसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार पर कईं सवाल खड़े किए।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार की मंशा एवं उसकी कार्यशैली पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार एवं उसके जिम्मेदार मंत्रियों के पास फ़िल्म देखने का तो समय है किंतु प्रदेश वासियों की तकलीफों और पहाड़ की समस्याओं को दूर करने का वक़्त नहीं है।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों में बसी जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है, रोजगार के अभाव में पहाड़ों से बड़े स्तर पर पलायन हो रहा है। पहाड़ के बच्चे बेहतर शिक्षा एवँ स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। राज्य के कईं ऐतिहासिक, धार्मिक व पर्यटन स्थल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए सरकारी मदद की बाट जोह रहे हैं। ऐसी अनेकों समस्याएं देवभूमि में मुँह बाहे खड़ी हैं। मगर राज्य सरकार इन सभी बातों को दरकिनार कर अपना मनोरंजन करने में व्यस्त नज़र आ रही है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि ये बड़े ही दुःख एवं दुर्भाग्य की बात है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में रोजाना ही बड़े-बड़े सड़क हादसों में लोग जान गंवा रहे हैं। चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्री सुविधाओं के अभाव में तकलीफों से जूझ रहे हैं, उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया न होने की वजह से कईं यात्रियों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा रोज़ाना बढ़ता ही जा रहा है। बावजूद इसके सूबे के मुखिया और उनके मंत्रीगण फ़िल्म का आनन्द ले रहे हैं।
पहाड़ की बेटी भावना पांडे ने मुख्यमंत्री धामी से बड़ा सवाल करते हुए कहा कि सीएम साहब अपने मंत्रियों, विधायकों एवँ भाजपा समर्थकों संग फ़िल्म पृथ्वीराज चौहान देखने गए, यदि वे उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ी गढ़वाली या कुमाऊँनी फिल्म देखने जाते तो क्षेत्रीय भाषा एवं संस्कृति का भी प्रचार होता व लोग अधिक संख्या में पहाड़ी संस्कृति से प्रभावित होकर फ़िल्म देखने आते। उन्होंने कहा कि अक्षय कुमार की फ़िल्म तो सभी देखते हैं, मुख्यमंत्री जी कभी अपने क्षेत्रीय कलाकारों की फिल्मों को भी तवज्जों देकर देखिए।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि बीते फरवरी माह में मुख्यमंत्री ने अभिनेता अक्षय कुमार के साथ एक मुलाकात के दौरान तत्काल उन्हें उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसडर बनाने का ऐलान कर दिया था किंतु उपेक्षा के शिकार प्रदेश के युवा कलाकारों को कोई सम्मान या राहत देने के बारे में कभी कोई कदम नहीं उठाया। जहां हमारे क्षेत्रीय कलाकार अपनी संस्कृति को बचाने के लिए संसाधनों के अभाव में भी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं राज्य के कलाकारों के प्रति सरकार पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि गढ़वाली और कुमाऊँनी बोली में बनी फिल्मों का भविष्य आज पूरी तरह से अधर में लटका हुआ है। पहले निर्माताओं को फ़िल्म बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, फिर वहीं इन्हें रिलीज करने के लिए थियेटर उपलब्ध नहीं हो पाते। बॉलीवुड की फिल्मों को तो राज्य में टैक्स फ्री कर दिया जाता है किंतु क्षेत्रीय फिल्मों के बारे में सोचना सरकार मुनासिब नहीं समझती। उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति और भाषा का संरक्षण अक्षय कुमार की पृथ्वीराज चौहान देखने से नहीं बल्कि उत्तराखंड की पृष्ठभूमि से जुड़ी फिल्मों को बढ़ावा देने से होगा।