वीपीडीओ भर्ती धांधली को लेकर जनसेवी भावना पांडे ने कही ये बात
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने वीपीडीओ भर्ती घोटाले को लेकर कईं सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नाक के नीचे सरकारी नौकरियों की भर्ती में घोटाले होते रहे मगर सरकार को भनक तक नहीं लगी, ये बात हज़म होना थोड़ा मुश्किल है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सरकारी पदों पर भर्ती की परीक्षा लेने वाला आयोग देश का सबसे बदनाम संस्थान बन गया है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि वीपीडीओ की परीक्षा भी 2016 में ही हुई। इस परीक्षा में कंपनी और आयोग के अधिकारियों की सांठगांठ से अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर उन्हें सरकारी नौकरी के लिए चुन लिया गया। परीक्षा पर सवाल उठे। तो जांच की बात होने लगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के तालाब को गंदा करने वाली आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन नाम की मछली को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष और उनकी टीम ने ही पाला। इसी टीम ने इस दागी कंपनी को पहली बार उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी दी।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही उत्तराखंड में भर्ती घोटाले हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय हुआ है। प्रदेश के युवाओं और महिलाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश का बेरोजगार युवा आज नौकरी की चाह के सड़कों पर ठोकरें खा रहा है। अपने हक़ की मांग को लेकर आंदोलन करने को विवश हो रहा है किंतु सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। वहीं बाहरी राज्यों से आये लोग हमारे युवाओं के अधिकारों पर डाका डालकर धड़ल्ले से पदों पर आसीन हो रहे हैं। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हालात बदतर हो चुके हैं। यदि सरकार ने युवाओं के हित में अब भी कदम नहीं उठाया तो उसे बेरोजगारों के आक्रोश का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।