लॉकडाउन के दौरान ‘कोरोना वॉरियर’ की तरह जरूरतमंदों की मदद में जुटे रहे जनसेवी विकास गर्ग
देहरादून। देश कोरोना की जंग में आज भी वैश्विक पटल पर मजबूती से खड़ा है कारण हमारे देश के वो कोरोना वारियर्स जिन्होंने अग्रिम मोर्चे पर आम नागरिक को स्वास्थ्य व बाहरी संक्रमण से बचाये रखने में सफलतापूर्वक भूमिका निभाई है। पर भारत की यह जंग उन चंद साइलेंट कोरोना वारियर्स के बिना अधूरी है जिन्होंने लॉकडाउन के चलते अपने स्तर पर कोरोना वारियर्स से लेकर जरूरतमंदों की मदद की है।
देश के साथ साथ राजधानी देहरादून में भी लॉकडाउन की मार जनपद के हज़ारों उन गरीब वर्गों पर भी पड़ी जो हर रोज़ की कमाई से अपना पेट भरते थे।जिसके बाद शहर में हर पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभालते हुए फ्रंट फुट वारियर्स की भूमिका को पुख्ता करने में कोई कसर नही छोड़ी।
लेकिन उन कोरोना वारियर्स की भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी है जो किसी फ़ोर्स से तो नही जुड़े पर मदद के मजबूत इरादे से आज शहर में आम लोगों के बीच एक कोरोना वारियर्स बन चुके है। यह कोई और नही बल्कि राष्ट्रीय पत्रकार यूनियन के प्रदेश महामंत्री ओर अग्रवाल समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ समाज सेवी विकास गर्ग है जिन्होंने लॉकडाउन के घोषणा होने के अगले दिन ही लोगो की मदद की हिम्मत जुटाई।
उनके द्वारा लॉकडाउन में शहर के कई जरूत बंद लोगो की मदद की उन्होंन प्रथम चरण की शुरुआत से ही ऐसे लोगो की मदद की जो शर्म के मारे लाइन में नही लग रहे थे इतना ही नहीं कई बार पक्का हुआ खाना भी पुलिस चौकी में जरूरत बंद लोगो के लिए भिजवाए।लॉकडाउन के चलते शहर में गरीब परिवारों पर उपजे भोजन के संकट को पुलिस द्वारा दूर करने की पहल को देख उन्होंने स्वयं से इस मुहिम को संचालित करने में भी अपनी भूमिक तैयार की,जिसके लिए उन्होंने शायद ही किसी की सहायता ली।
मदद करने की सच्चा जज्बा हो तो इंसान मददगार तक मदद पहुँचाने का रास्ता खोज ही लेता है। यह किस्सा सुनने में शायद इतना खास न लगे पर इसके पीछे की भावनाएं जरूर बड़ी है।लॉकडाउन हटने तो लगा है पर लोगों की मुश्किलें अभी भी वैसी ही है जो आने वाले कुछ समय तक ऐसी ही रहने वाली है।