रेप पीड़िता के पीछे हटने के बावजूद कोर्ट ने दोषी को सुनाई 10 साल की सज़ा
ठाणे। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के एक मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोषी को 10 साल की सजा सुनाई है। हालांकि क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान पीड़िता अपने बयान से पीछे हट गई थी और आरोपी ने भी कोर्ट से रहम की अपील करते हुए कहा था कि वह लड़की से शादी करने को तैयार है, लेकिन जज कविता डी. ने कहा कि इससे अपराध की प्रकृति पर असर नहीं पड़ता।
स्पेशल कोर्ट ने फैसले में कहा कि डीएनए रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आरोपी किशोर भिडे ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के पीछे हटने से अपराध की प्रकृति पर असर नहीं पड़ता। कोर्ट ने किशोर को तीन अलग-अलग धाराओं में दस-दस साल की कैद की सजा सुनाई है। हालांकि ये तीनों सजाएं एक साथ ही चलेंगी। उसे 9 हजार रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा।
घटना के समय पीड़िता नवी मुंबई के एक स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा थी। 5 अप्रैल 2016 को तबियत खराब होने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर गए, तब पता चला कि वह गर्भ से है। लड़की ने माता-पिता को बताया कि किशोर के साथ 7-8 माह से उसके संबंध थे। पीड़िता के पिता ने कोर्ट को बताया कि गर्भपात कराने के लिए लड़की को 15 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उनका कहना था कि शादी का झांसा देकर आरोपी ने उनकी बेटी से दुष्कर्म किया था।