राष्ट्रपति ने अधिकारियों को दिए अवॉर्ड
देहरादून : राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का उत्तराखंड दौरा आज से शुरू हो गया। उन्होंने आइजीएनएफए के दीक्षांत समारोह में पास आउट होने वाले अधिकारियों को डिप्लोमा व अवार्ड भी प्रदान किए। मध्य प्रदेश कैडर के पुनीत गोयल को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु का पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें 19 में से कुल चार अवार्ड मिले।
राष्ट्रपति ने पासआउट होने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई दी। साथ ही कहा कि अब पाठ्यक्रम से हटकर रियल लाइफ में वनों की चुनौतियों का सामना करने को उन्हें तैयार रहना होगा। साथ ही देश की धनी जैवविविधता की रक्षा करने का बीड़ा उठाना होगा। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को वन प्रबंधन के विभिन्न आयाम पर फोकस करने की नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1987 से अब तक 64.2 मिलियन हेक्टेयर जंगल बढे हैं, लेकिन अभी कई मील के पत्थर बनाने हैं। मौसम में हो रहे बदलाव के प्रभाव को कम करने के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी भी जरूरी है।
इस मौके पर केंद्रीय वन मंत्री अनिल माधव दवे ने पास आउट होने वाले अधिकारियों से कहा कि वनों पर बढ़ रही चुनौतियों से निपटने सभी को तैयार रहना होगा। इसके लिए नए अधिकारियों को सार्थक प्रयास करने होंगे। तभी चुनौतियों से निपटा जा सकेगा।
राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने कहा कि नई तकनीक की बदौलत वन प्रबंध किया जा सकता है। इससे कार्बन में कटौती कर ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि नए वनाधिकारियों पर बड़ी जिम्मेदारी है। खासकर उन लोगों के हितों कि रक्षा जो वनों पर आश्रित हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे विशेष विमान से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का राज्यपाल डॉ. केके पॉल, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वागत किया। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से जीटीसी हेलीपैड को रवाना हो गए। यहां से वह कार से इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट ऐकेडमी (आइजीएनएफए) पहुंचे।
राष्ट्रपति अगले दो दिन उत्तराखंड में बिताएंगे। रात राजभवन में गुजारेंगे। शनिवार को राष्ट्रपति बदरीनाथ के लिए रवाना होंगे। सुबह साढ़े आठ बजे से 10 बजे के बीच वह बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना करेंगे। बदरीनाथ में पूजा-अर्चना के बाद वह सीधे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से दिल्ली रवाना होंगे।