शालिग्राम की नियमित पूजा से खुल जाएंगे किस्मत के ताले, चमक जाएगा भाग्य
कहते हैं कि हर इंसान परिवार को चलाने के लिए मेहनत करता है। लेकिन कई बार मेहनत के बावजूद कुछ लोगों को लाभ नहीं मिल पाता। कई बार ईश्वरीय पूजा के साथ साथ उनके स्वरूपों की पूजा करने से भी भाग्य खुल जाता है और ज्योतिष में ऐसे ही शालिग्राम की फलदायी पूजा के बारे में जिक्र किया गया है। हिंदू घरों में आपको शालिग्राम की पूजा होते दिख जाएगी।
शालिग्राम वो ज्यामीतिय पवित्र पत्थर है जिसे नारायण यानी भगवान विष्णु का विग्रह कहा जाता है। आमतौर पर इसे तुलसी के पौधे में जड़ के पास रखा जाता है। शालिग्राम पत्थर साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप ही कहा जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पौधे के साथ शालिग्राम की नियमित पूजा धन की देवी मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और संबंधित घर में सदा के लिए निवास करती हैं और ऐसे घर से दरिद्रता कोसों दूर रहती है।
घर-परिवार शालिग्राम रखने से औऱ उसकी नियमित पूजा से घर परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
ये पवित्र पत्थर साक्षात नारायण का अवतार कहा जाता है और शालिग्राम के रूप में भगवान विष्णु का तुलसी के साथ विवाह करने से घर में व्याप्त धन की कमी, क्लेश, कष्ट और रोग भी दूर हो जाते हैं। ऐसे घर में सदा सुख और शांति निवास करती है और यहां धन की देवी मां लक्ष्मी की सदा कृपा बनी रहती है।
शालिग्राम को तुलसी के साथ रखने के अलावा घर में किसी पवित्र स्थान पर भी इसे स्थापित किया जा सकता है।
दिवाली के दिन घर में शालिग्राम की स्थापना करना काफी शुभ माना जाता है। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए पंचामृत से शालिग्राम स्नान करवाएं उसके बाद भगवान का पंचोपचार पूजन करते हुए इसे स्थापित करें।
- घर में केवल एक ही शालिग्राम रखना चाहिए।
- बिना तुलसी के शालिग्राम की पूजा नहीं करनी चाहिए।
- शालिग्राम को नियमित तौर पर पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।
- शालिग्राम की पूजा करने वालों का मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर – ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते।