Breaking NewsUttarakhand

धूमिल होती उम्मीदों के बीच तपोवन टनल में जारी है बचाव कार्य, पढ़िये पूरी खबर

चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में 10 दिन पहले आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर क्षण के साथ और धूमिल होती उम्मीदों के बीच कीचड़ से भरी इस सुरंग में बचाव कार्य लगातार जारी है। चमकती लाइटें सुरंग के भीतर का दृश्य दिखाती हैं, जो गाद एवं कीचड़ से भरी है, जहां पिछले एक सप्ताह से लगातार आ-जा रहे वाहनों के निशान बने हुए हैं और गाद को बाहर निकालने की एक मशीन अब भी काम पर लगी हुई है।

अधिकारियों ने कहा कि दिन में काम की गति धीमी रही। सुरंग से उस हिस्से से अब भी पानी आ रहा है, जिसे अभी साफ किया जाना बाकी है और उस पानी को लगातार बाहर निकाला जा रहा है। इसके साथ ही और कीचड़ बाहर आ रहा है। मंगलवार शाम को ‘पीटीआई-भाषा’ का एक फोटोग्राफर ढलाव वाली सुरंग के भीतर गया, जिसमें से सात फरवरी को आई बाढ़ के बाद बचाव कार्य शुरू होने के बाद से कई टन कीचड़ और मलबा और 11 शवों को बाहर निकाला जा चुका है।

Advertisements
Ad 13

शुरुआत में सुरंग में करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही थी। सुरंग के भीतर करीब 150 मीटर तक यह देखना आसान है कि बचावकर्मी क्या कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद सुरंग में कीचड़ की मजबूत दीवार है। मुन्ना सिंह और मिथलेश सिंह धौलीगंगा में अब नष्ट हो चुकी एनटीपीसी की विद्युत परियोजना में कार्यरत थे और अब वे बचाव कार्य में तैनात हैं।

सिंह ने कहा कि यदि वह रविवार को ड्यूटी पर होता, तो वह भी पीड़ितों में शामिल हो सकता था। जो शव मिले हैं, वे या तो दीवारों या बंद सुरंग की छत पर चिपके थे। बचावकर्ती अमूमन चार घंटे काम करते हैं और इसके बाद नया समूह काम पर आता है। सुरंग में सांस लेना मुश्किल है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल बचाव प्रयासों में जुटे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button