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रिसर्च में हुआ खुलासा, गर्मी में भी खत्म नहीं होगा कोरोनावायरस

पुणे। कोरोनावायरस खांसी या छींक से निकलने वाले ड्रॉपलेट के जरिए फैलता है। ऐसे में माना जा रहा था कि अप्रैल और मई महीने में तापमान बढ़ने पर संक्रमण नहीं फैलेगा। लेकिन, इसके शोध में लगे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा नहीं है। यह गर्म और शुष्क मौसम में भी फैल सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव सर्दियों जितना नहीं होगा। सर्दी आते ही इसके संक्रमण की आशंका बढ़ जाएगी। रिसर्चर्स का कहना है कि इस वायरस के प्रति इंसान के शरीर में प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता नहीं है। यह मुख्य रूप से सांस लेते समय या छींकने, खांसने में निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से फैलता है।

भीड़ जुटने से रोकना ही एक मात्र उपाय

विषेशज्ञों के मुताबिक, इससे बचने के लिए तापमान बढ़ने या सही मौसम आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों और एक साथ ज्यादा लोगों के जुटने वाले स्थानों को बंद करना ही संक्रमण के ताजा मामलों को रोकने में मददगार होगा।

एनआईवी वायरस पर शोध कर रहा

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पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने कोविड-19 के वायरस स्ट्रेन को आइसोलेट किया है। कुछ दूसरे देशों जापान, थाईलैंड, चीन और अमेरिका ने भी ऐसा ही किया है। इस प्रक्रिया में वायरस से संक्रमित मरीज के नमूने को टिशू कल्चर में रखा जाता है। इसके बाद लैबोरेटरी में इसके बढ़ने पर नजर रखी जाती है। इसके आइसोलेशन से भविष्य में इसकी जांच किट, टीका और दवा बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि, टीका विकसित करने में ज्यादा समय लगेगा।

आईसीएमआर ने टेस्ट लैब्स की संख्या बढ़ाई

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने टेस्ट के लिए लैब्स की संख्या 51 से 63 कर दी है। पहले टेस्ट की पुष्टि के लिए सेकेंडरी टेस्ट केवल पुणे के एनआईवी में हो रहा था। अब यह सुविधा देश की अन्य 31 लैब में भी शुरू कर दी गई है। आईसीएमआर के विशेषज्ञों के मुताबिक, फिलहाल संक्रमण रोकने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसकी चपेट में आए लोगों से दूसरे लोगों में फैलने से 14 दिन तक रोक लिया गया तो इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

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