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पुलिस विभाग के सेवानिवृत कार्मिकों ने सरकार के लापरवाह रवैये पर जताया आक्रोश

समारोह में पुष्पक ज्योति ने कहा सेवानिवृत होने के बाद हमें जिंदगी की नई शुरुआत करनी चाहिए और अपने जीवन को सामाजिक सेवाओं में भी लगाना चाहिए।

देहरादून। राज्य के पुलिस विभाग के सेवानिवृत कार्मिकों व अधिकारियों के संगठनों ने भी गोल्डन कार्ड योजना में कैशलेस ओपीडी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों में जानबूझकर विभागीय देरी, काॅम्यूटेशन पॉलिसी में संशोधन, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की योजना में पुनः विकल्प दिए जाने आदि विषयों पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय न लिए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया।

इन्होंने 30 जुलाई तथा 30 दिसंबर को रिटायर होने वाले कार्मिकों को एक इंक्रीमेंट उत्तर प्रदेश की भांति दिए जाने की भी मांग की। यह मांगे दून पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति उत्तराखंड की ओर से आयोजित समारोह में रखी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व पुलिस महानिरीक्षक पुष्पक ज्योति ने तथा संचालन जगदीश चंद्र आर्य ने किया। मुख्य अतिथियों में उत्तराखंड पेंशनर समन्वय समिति के सुशील त्यागी सचिवालय सेवानिवृत पेंशनर्स एसोसिएशन के गिरीश चंद्र भट्ट, पूर्व उपाधीक्षक बीडी जुयाल, पूर्व अध्यक्ष गणेश चंद्र पंत थे। इस अवसर पर समिति के दिवंगत वरिष्ठ सदस्यों को श्रद्धासुमन भी अर्पित किए गए। कोषाध्यक्ष बचेंद्र कुमार पाण्डेय ने आय व्यय का भी देखा जोखा प्रस्तुत किया।

समारोह में पुष्पक ज्योति ने कहा सेवानिवृत होने के बाद हमें जिंदगी की नई शुरुआत करनी चाहिए और अपने जीवन को सामाजिक सेवाओं में भी लगाना चाहिए। इनका कहना था अपनी न्यायोचित अधिकारों के लिए सभी पेंशनर्स संगठनों को एकजुट होकर सरकार के समक्ष प्रभावी तरीके से अपना पक्ष रखना चाहिए अन्यथा उच्च न्यायालय के द्वारा तो सभी के लिए खुले हैं।

प्रमुख वक्ताओं में पीसीएस रिटायर अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सिंह भंडारी, प्रमोद ध्यानी, भगवती प्रसाद, सोमेश्वर बहुगुणा, लक्ष्मण सिंह नेगी, विनोद काला, रंजीत भंडारी, ध्यान सिंह नेगी, विक्रम सिंह चिकारा, सतीश जोशी, सी के चक्रवर्ती, गौरव आदि शामिल थे। समारोह में भारी संख्या में पुलिस पेंशनर्स शामिल थे।

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