Review: स्ट्रीट डांसर 3D जानिए, कैसी है फ़िल्म

मुंबई। अपने लिए तो हर कोई काम करता है लेकिन कम ही लोग होते हैं जो दूसरों के लिए अपना खून-पसीना बहाते हैं, और जब कामयाबी मिलती है तो वो खुशी दोगुनी होती है। ऐसा ही कुछ आपको फिल्म स्ट्रीट डांसर 3डी में देखने को मिलेगा। एक कला और उस कला के महारथियों की दो टीम। दोनों टीम के मिलने से होता है एक कारनामा जो किसी तीसरे की खुशी और उम्मीदों के लिए होती है। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब दोनों टीम एक होने के बजाय डांस के मैदान में अलग-अलग उतरने का फैसला लेती हैं।
क्या है फिल्म की कहानी?
कहानी है लंदन में बसे पंजाबी फैमिली के एक डांसर सहज (वरुण धवन) और पाकिस्तानी फैमिली की डांसर इनायत (श्रद्धा कपूर) की। दोनों अलग मजहब, अलग देश के होने के अलावा दो अलग लोकल डांसिंग ग्रुप (स्ट्रीट डांसर और रूल ब्रेकर्स) के होने के कारण एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। दोनों ग्रुप के बीच अक्सर डांस मुकाबला होता रहता है और दोनों ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
फिर आता है डांसिंग चैंपियन मुकाबला ‘ग्राउंड जीरो’, जिसे दोनों टीम पाना चाहती हैं। जहां एक ओर इनायत इस खिताब को शरणर्थियों की मदद के लिए जीतना चाहती है, तो वहीं सहज इसे अपने बड़े भाई (पुनीत पाठक) के डांसिंग चैंपियन बनने के सपने को पूरा करने के लिए जीतना चाहता है। लेकिन इस खिताब के लिए कॉपिटीशन में और भी कई बेहतर से बेहतर टीम हैं, जिसमें से एक टीम बेस्ट है।
अब इस बेस्ट टीम को हराने के लिए सहज और इनायत की डांसिंग ग्रुप को एक होना पड़ेगा। सहज और इनायत दोनों के लिए यह खिताब भी जरूरी है और दोनों एक दूसरे का साथ भी नहीं देना चाहते। ऐसे में क्या दोनों टीम एक-दूसरे का साथ देगी या फिर अकेले ही ग्राउंड जीरो के खिताब को पाने की कोशिश करेंगी। वैसे तो आपको अब तक फिल्म का हिंट मिल गया होगा लेकिन कहानी उतनी भी सिंपल नहीं है। ग्राउंड जीरो के फाइनल तक आते-आते कई ट्विस्ट्स और कई सीक्रेट्स सामने आएंगे।
एक्टिंग:
सहज का रोल निभा रहे वरुण धवन ने फिल्म में एक्टिंग से बेहतर डांस किया है। उनकी एक्टिंग ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाई। वहीं एरोगेंट गर्ल इनायत के रुप में श्रद्धा कपूर अच्छे एक्सप्रेशंस देती नजर आईं। हालांकि, उनके साथ भी वरुण जैसा ही हाल रहा। पूरी फिल्म में उनकी एक्टिंग ने जितना ध्यान नहीं खींचा उतना उनके जबरदस्त डांस मूव्स ने अट्रैक्ट किया है। पाॅजीटिवली कहें तो दोनों लीड एक्टर्स की डांसिंग ने उनकी एक्टिंग को कवर कर लिया है। जबकि फिल्म के दूसरे सपोर्टिंग स्टार्स नोरा फतेही, सलमान यूसुफ खान, धर्मेश, राघव, पुनीत ने अपने मेन स्किल डांसिंग के अलावा एक्टिंग में भी अच्छा काम किया है।
डांस:
डांस पर बनी फिल्म हो और इस मेन अट्रैक्शन का जिक्र ना किया जाए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। एक लाइन में अगर कहें तो 3डी स्ट्रीट डांसर में रोंगटे खड़े कर देने वाले डांस स्टेप्स हैं। रेमो डीसूजा ने फिल्म में इस कला का इस्तेमाल बखूबी किया है। सलमान, धर्मेश, राघव, वरुण, श्रद्धा, प्रभुदेवा और खासकर नोरा फतेही का डांस गजब का है। फिल्म के हर डांस स्टेप में फुल एनर्जी और कमाल की कोरियोग्राफी देखने को मिलेगी। नोरा फतेही का डांस और प्रभुदेवा का मुकाबला आपको सीटी बजाने पर मजबूर कर देगा। 3डी इफेक्ट में बनी इस फिल्म को 3डी में देखना मजेदार अनुभव है। हालांकि, फिल्म में डांस सीक्वेंसेज के अलावा कहीं भी 3डी की जरूरत महसूस नहीं हुई।
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गाने:
फिल्म में ओरीजनल गानों के अलावा पुराने गानों का रीमिक्स और रीमेक वर्जन भी शामिल है। लेकिन इन्हें सुनकर आपको अच्छा फील होगा। मुकाबला गाने में प्रभुदेवा के डांस को देखकर आपको लगेगा कि यही गाना सही है। वहीं जब टीमें साथ मिलकर डांस करती है तो मिले सुर तुम्हारा हमारा गाने से बेहतर बैकग्राउंडर और कोई नहीं लगेगा। बेजुबां भी सही फिट किया गया है। हालांकि, गुरु रंधावा के गाने लगदी लाहौर दी के रीमिक्स वर्जन में जान नहीं है।
डायरेक्शन:
कोरियोग्राफी से फिल्म डायरेक्शन में आना रेमो डीसूजा के लिए अच्छा रहा है। फिल्म का कंटेंट सिंपल है लेकिन डांस, ड्रामा और इमोशन को रेमो ने शानदार तरीके से पर्दे पर उतारा है। स्क्रीनप्ले के मामले में फिल्म थोड़ी कमजोर है। पुनीत पाठक के बाद श्रद्धा और वरुण का इललीगल वेपन का डोज कहानी की शुरुआत से ही दर्शकों को बांधकर रखती है।
ओवरऑल:
कुल मिलाकर देखा जाए तो एबीसीडी और एबीसीडी 2 के बाद स्ट्रीट डांसर 3डी भी एक और हिट साबित हो सकती है। कंटेंट और डांस दोनों के मुताबिक फिल्म एंटरटेनिंग है। आप चाहे तो इसे वीकेंड पर देख सकते हैं।
(source: AT)