सात दिन के शिशु को दादी ने लोहे की रॉड से दागा, मौत
राजकोट। सप्ताह भर के शिशु को दादी ने लोहे की गर्म रॉड से बुरी तरह दाग दिया। गंभीर हालत में शिशु को राजकोट सिविल हॉस्पिटल कैंपस के केटी सेठ चिल्ड्रन सरकारी हॉस्पिटल में को गुरुवार (27 दिसंबर, 2018) को भर्ती कराया गया, जहां कृषि महिला मजदूर के बेटे की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ अपराध नजर आता है कि संज्ञान लिया जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि शिशु बिना रेक्टम के पैदा हुआ था।
पुलिस के मुताबिक मध्य प्रदेश की मजदूर लक्ष्मी सिंगला ने 21 दिसंबर को राजकोट जिले के पड्डरी गांव में स्थित समुदायिक हेल्थ सेंटर में शिशु को जन्म दिया। शिशु और मां को 23 दिसंबर को हेल्थ सेंटर से डिस्चार्ज किया गया। हालांकि जन्म के तीन दिन बाद भी शिशु को शौच नहीं आया। इस दौरान उसका पेट सूजता रहा। इसपर शिशु की दादी गजारा ने उसके शरीर को लोहे की गर्म रॉड से दाग दिया। इसके बाद भी बच्चे ने शौच नहीं किया। इस दौरान कुछ रिश्तेदारों को मालूम हुआ कि बच्चा बिना रेक्टम यानी मलाशय के जन्मा है। गंभीर हालत में 24 दिसंबर को उसे राजकोट में भर्ती कराया गया।
नाम ना बताने की शर्त पर हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने बताया, ‘जांच के दौरान हमें मालूम हुआ कि शिशु के एनस नहीं था इसलिए वह मल को बाहर निकालने में सक्षम नहीं था। रिश्तेदार ने बताया कि शिशु को लोहे की गर्म रॉड से दागा गया, चूंकि उनके समुदाय में ऐसा करने की मान्यता है। इससे शिशु के पेट पर जलने के निशान हो गया। हालांकि शुरू में लग रहा था कि बच्चा ठीक है, क्योंकि ना उसने उल्टी की और ना ही ऐसी कोई हरकत की जिससे मालूम चले की उसकी हालात ठीक नहीं। इसके बाद अगले दिन कोलोस्टोमी की गई। बच्चे के शौच करने में मदद की।
हालांकि बाद में मरीन को संक्रमण हो गया और गुरुवार शाम को उसकी मौत हो गई। हम पूरी तरह से नहीं बता सकते की उसकी मौत शौच ना आने की वजह से हुई या लोहे की गर्म रॉड के दागने की वजह से हुई।’ डॉक्टर ने आगे बताया कि शिशु का जन्म बिना रेक्टम के हुआ। ऐसा जेनेटिक विकृति की वजह से होता है। पड्डरी के सब इंस्पेक्टर जयेश वैद्य ने बताया कि आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है।