सादगी से मनाएं दिवाली : डॉ. सोनी
देहरादून। दीपावली का पावन पर्व हर्षोल्लास और उमंगों का त्योहार है, इसे हम सभी को उत्साह के साथ ही सादगी से मनाना चाहिए। ये कहना है विख्यात पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चन्द्र सोनी का। दीपावली के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. सोनी ने ‘विनर टाइम्स’ से कहा कि बेहतर होगा कि दीपावली के पर्व पर हम लोग पर्यावरण की स्वच्छता को मद्देनजर रखते हुए सादगी के साथ इस त्योहार को मनाएं।
उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि दीपावली पर लोगों में एक—दूसरे से अधिक पटाखे फोड़ने की होड़ लगी रहती है, मसलन हमारे पड़ोसी ने यदि अधिक पटाखे जलाएं हैं तो हम उससे भी अधिक और ज्यादा धमाकेदार पटाखे जलाने की कवायद में जुटे रहते हैं। बेहतर होगा दीपावली पर ऐसे प्रयासों से बचें। ऐसा करने से न तो ध्वनि प्रदूषण होगा और न ही पर्यावरण की सुन्दरता पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हो सके तो इस दीवापली पर पटाखों का प्रयोग न करें और सादगी भरी दिवाली मनाएं। उन्होंने कहा कि हमें अपने पर्यावरण की स्वच्छता व सुन्दरता को मद्देनजर रखते हुए ही दीपावली का पर्व मनाना चाहिए और ईको फ्रेंडली दीवाली मनानी चाहिए। डॉ. सोनी कहते हैं कि दीपावली दीपों का त्योहार है इस अवसर पर जितने अधिक हो सके दीप और मोमबत्ती जलाएं, बिजली से चलने वाले उपकरण लड़ियों और बल्बों का प्रयोग कम ही करें इससे बिजली का खर्च भी कम होगा।
डॉ. सोनी अपनी सलाह देते हुए कहते हैं कि बच्चों को चाहिए कि वे अपने घर पर अपने माता—पिता या बड़ों के सामने रहकर उनके निर्देशन में ही इस त्योहार को मनाएं न कि मौहल्ले में जाकर पटाखों के साथ हुड़दंग करें। डॉ. सोनी का कहना है कि इस दीपावाली पर चाइना के बने उत्पादों का पूर्णतय बहिष्कार करें।
चाइनीज लड़ियों समेत विघुत के उपकरणों एवं पटाखों आदि को कतई न खरीदें एवं पूर्णरूप से स्वदेशी उत्पादों का ही प्रयोग करें। डॉ. सोनी ने इस दीपावली पर समस्त देश वासियों को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सभी लोगों से आपसी भेदभाव को भुलाकर इस पर्व को मिलजुलकर एवं सादगी से मनाने का आहवान किया।