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सहसपुर विधानसभा में किशोर को स्वीकार न किये जाने के हैं कई कारणः आजाद अली

देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बीते फरवरी माह में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में सहसपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ा थ किन्तु वे इस चुनाव में बुरी तरह से हार गये थे। सहसपुर विधानसभा में किशोर को स्वीकार न किये जाने के हैं कई कारण हैं जिस वजह से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। ये कहना है उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली का।

उन्होंने मीडिया को दिये गये अपने एक बयान में कहा कि किशोर उपाध्याय ने बीते काफी सालों से अपने मूल क्षेत्र टिहरी गढ़वाल में कोई कार्य नहीं किया। कार्य करना तो दूर उन्होंने वहां झांककर भी नहीं देखा। जिस कारण वहां की जनता ने उन्हें नकार दियाा और जब किशोर को कोई और जगह चुनाव लड़ने के लिए नहीं सुझी तो उन्होंने साॅफ्ट टारगेट के रूप में सहसपुर विधानसभा क्षेत्र को चुनाव और कांग्रेस के भीतर अपने रसूख के चलते उन्होंने आसानी से विधानसभा चुनाव का टिकट भी पा लिया।

आजाद अली ने किशोर उपाध्याय पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव लड़ने के लिए सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में उतरे किशोर उपाध्याय ने आनन-फानन में क्षेत्र की जनता से अनेकों वादे कर डाले किन्तु सहसपुर क्षेत्र की जागरूक जनता ने इस बाहरी व्यक्ति को स्वीकार नहीं किया। वहीं इस क्षेत्र से आर्येंन्द्र शर्मा भी कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे किन्तु पार्टी हाईकमान उनकी खराब छवि के चलते उनपर मेहरबान नहीं हुआ। परिणाम स्वरूप आयेन्द्र ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और लड़खड़ाते हुए मुंह के बल गिरे। ये उनके कर्मों का ही फल था जो सहसपुर क्षेत्र की जनता ने उन्हें और किशोर उपाध्याय को दिया था।

आजाद अली ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उक्त दोनों ही प्रत्याशियों ने क्षेत्र की जनता से वायदा किया था कि वे सहसपुर क्षेत्र के शीशमबाड़ा में बनने जा रहे कूड़ा निस्तारण केन्द्र का विरोध करेंगे और इसे यहां लगने नहीं देंगे। किन्तु उक्त दोनों ही नेताओं ने इस ओर कोई कार्य नहीं किया। क्षेत्र की जनता ये सब साफ देख रही थी। वहीं दूसरी और जो लोग इस मुद्दे को लेकर दिन और रात संघर्ष कर रहे थे पार्टी हाईकमान द्वारा उन्हें दरकिनार कर हाशिये पर धकेल दिया गया।

आजाद अली ने कहा कि उन्होंने सहसपुर क्षेत्र में बनने जा रहे कूड़ा निस्तारण केन्द्र के विरोध में काफी लम्बी लड़ाई है और पूरे सहसपुर क्षेत्र की जनता इसकी गवाह है। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर उन्होंने अपने समर्थकों संग प्रशासन की कई यातनाएं सही और पुलिस की लाठियां भी खायी किन्तु उनके कार्याें को ताक पर रखकर पार्टी हाईकमान ने पैराशूट प्रत्याशी किशोर उपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा। आजाद अली ने दावा करते हुए कहा कि ये कांग्रेस पार्टी हाईकमान की बड़ी भूल थी जिस वजह से उसे ये सीट नहीं मिल पायी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने यदि क्षेत्रीय नेता के तौर पर उनपर भरोसा जताया होता तो निश्चय ही वे इस सीट पर जीत दर्ज कर पार्टी का मान बढ़ा सकते थे किन्तु ऐसा हो न सका।

वही टिहरी क्षेत्र की जनता का भी किशोर उपाध्याय से मोहभंग हो चुका है। आजाद अली ने किशोर उपाध्याय पर उंगली उठाते हुए कहा कि वे काफी लम्बे समय तक न तो टिहरी क्षेत्र में जाते हैं और न ही वहां की जनता की कोई सुध ही लेते हैं। यदि वहां कि जनता की मानें तो आज भी क्षेत्र में समस्याएं जस की तस बनी हुई है और क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिहरी से किशोर उपाध्याय को टिकट न देने का फैसला किया।

दरअसल क्षेत्र में उनकी खराब छवि के चलते पार्टी उन्हें टिहरी से टिकट देकर खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी किन्तु सहसपुर क्षेत्र को लेकर भी कांग्रेस हाईकमान का आंकलन गलत साबित हुआ। क्षेत्रीय नेता को तरजीह न देकर पार्टी ने मुंह की खायी। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि अभी वक्त है यदि कांग्रेस को उत्तराखण्ड में मजबूत करना हो तो क्षेत्रीय और धरातल पर काम करने वाले नेताओं को तवज्जों दें जिससे पार्टी की जड़ें मजबूत हो सकें। हारे हुए लंगड़े घोड़ों पर दाव लगाकर पार्टी को हर बार बस शिकस्त का ही मुंह देखना पड़ेगा।

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