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सवालों का जवाब दें प्रधानमंत्री: राहुल

बहराइच। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए आज कहा कि “मोदी उनका चाहे जितना मजाक उड़ा लें लेकिन उन्हें खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में देश की जनता को जवाब देना ही होगा”। राहुल ने यहां आयोजित ‘जनाक्रोश रैली’ में कहा कि बुधवार को उन्होंने गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भ्रष्टाचार के बारे में कुछ सवाल पूछे थे। मगर उनका जवाब देने के बजाय सवाल पूछने वाले का मजाक उड़ाया। एक बार शायर मिर्जा गालिब का भी ऐसे ही मजाक उड़ाया गया था। आज उनके शब्दों से ही मोदी को जवाब देना चाहता हूं।

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 उन्होंने गालिब का शेर, ‘हरेक बात पर कहते हो कि तू क्या है, तुम्हीं कहो कि ये अंदाज ए गुफ्तगू क्या है।’ पढ़ते हुए कहा कि मोदी से वह सवाल हिन्दुस्तान के युवाओं और गरीबों ने पूछे हैं। सवाल यह है कि इस प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार किया या नहीं। वह उनका जितना मजाक उड़ाना चाहते हैं उड़ाएं, लेकिन सवाल का जवाब दें। मालूम हो कि मोदी ने आज ही अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में राहुल पर उनके ‘भूकम्प’ वाले बयान को लेकर मजाकिया तंज किया था। साथ ही उनके इस दावे पर भी चुटकी ली थी कि कार्ड, ऑनलाइन हस्तांतरण आदि में कम साक्षरता के कारण बाधाएं आएंगी। मोदी ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि वह यह न कहें कि मैंने कुछ काला जादू करके उन लोगों को निरक्षर बना दिया है, जो लिखना-पढ़ना जानते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह (राहुल) बोलने से पहले कभी सोचते नहीं हैं और उन्हें यह अहसास भी नहीं हुआ होगा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के लंबे शासन की विफलता को स्वीकार कर लिया है।’’
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर देश को दो हिस्सों में बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ एक प्रतिशत अमीर लोग हैं तो दूसरी तरफ 99 प्रतिशत ईमानदार लोग। पिछले ढाई साल में आपकी सरकार की नीतियों ने एक प्रतिशत अमीर लोगों को देश का 60 प्रतिशत धन पकड़ा दिया है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस हिन्दुस्तान से भ्रष्टाचार को मिटाना चाहती है। अगर भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी कदम उठाये तो कांग्रेस उनको पूरा समर्थन देगी, मगर नोटबंदी का निर्णय भ्रष्टाचार या कालेधन के खिलाफ नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के गरीबों, कमजोरों के खिलाफ था। पिछले ढाई साल से मोदी सरकार ने गरीबों पर आक्रमण किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अस्र की अजान के दौरान अपना भाषण रोक दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के गरीब और ईमानदार लोग बैंकों और एटीएम की लाइन में खड़े हैं–– वे चोर नहीं हैं। उस लाइन में उन्हें एक भी अमीर व्यक्ति या एक भी सूटबूट वाला नहीं दिखा। वो लोग आपके (मोदी) जहाज में बैठकर चीन, जापान और अमेरिका जाते हैं। राहुल ने कहा कि उन्होंने हाल में उत्तर प्रदेश में 30 दिन की किसान यात्रा की थी। इस दौरान किसानों ने मोदी से कर्जा माफ, बिजली बिल आधा करने और अनाज तथा सब्जी के लिये सही दाम दिलवाने की मांग की थी लेकिन मोदी ने एक शब्द नहीं कहा, बल्कि लोकसभा में मनरेगा का मजाक उड़ाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकारें आदिवासियों से जल, जमीन और जंगल छीन रही हैं। कोई भी आदिवासी खड़ा होकर कहता है कि यह मेरी जमीन है तो सरकार के लोग उसे गोली मार देते हैं।’’
राहुल ने फिर आरोप लगाया कि मोदी ने देश के 50 अमीर परिवारों द्वारा बैंकों से लिये गये आठ लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ करने के लिये नोटबंदी का कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी लोकसभा चुनाव में अपनी ‘मार्केटिंग’ में की गयी मदद के एवज में इन बकायेदारों से रकम नहीं वसूल रहे हैं। इसलिये उन्होंने नोटबंदी करके देश के 99 प्रतिशत लोगों का धन बैंक में जमा कराने का ‘ड्रामा’ रचा, ताकि ईमानदार लोगों का धन ज्यादा से ज्यादा वक्त तक बैंक में फंसा रहे और अमीरों का कर्ज माफ किया जा सके। उन्होंने दावा किया कि देश का 94 प्रतिशत कालाधन सोने के रूप में, विदेशी बैंक खातों में और रियल एस्टेट में रखा जाता है। मोदी यह बात बहुत अच्छी तरह जानते हैं। जब देश के लोगों ने उनसे उनकी वादाखिलाफियों पर सवाल शुरू किये तो वह घबरा गये और काले धन पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का नया ड्रामा सोचा। यह मोदी का ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं था, बल्कि हिन्दुस्तान के गरीबों, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग पर की गयी ‘फायर बाम्बिंग’ थी। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार का वादा किया था लेकिन कई उद्योग बंद करा दिये। अब वह खुद स्वीकार करते हैं कि पिछले 70 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है। यह नोटबंदी की वजह से है। नोटबंदी की वजह से मैनपुरी में इलाज ना हो पाने की वजह से एक बच्चे की मौत हो गयी। मोदी ने उस बच्चे की हत्या क्यों की, यह देश को बताएं।

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