सावधान! दुर्घटना के बाद ना करें ऐसा, खारिज हो सकता है इंश्योरेंस क्लेम
कार या बाइक हादसा होने पर पॉलिसी धारक को इंश्योरेंस क्लेम पाने में कई दफा नाकों चबाने पड़ जाते हैं और कई बार तो मामूली चूक से क्लेम खारिज तक हो जाता है। क्लेम में किसी भी तरह की गलती से बचने के लिए ये उपाय अपनाने जरूरी हैं।
1. देरी से बचें: सबसे पहले जिस कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी है, उसके नियम और शर्तें जरूर इत्मिनान से पढ़कर रखें और यह जान लें कि हादसा होने की कितनी अवधि के भीतर क्लेम किया जाना चाहिए। अगर आपको यह पता होगा तो फिर क्लेम में देरी से बचेंगे।
2. एफआईआर: ऐसे मामले में पुलिस में एफआईआर फौरन कराएं। एफआईआर क्लेम के दौरान सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य और दस्तावेज की भूमिका अदा करती है।
3. हादसे के बाद मौका मिले तो किसी व्यक्ति को क्षत-विक्षत वाहन की तस्वीरें जरूर ले लेनी चाहिए। हालांकि तस्वीरें खो जाने की सूरत में क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा लेकिन उनके रहने पर क्लेम की प्रॉसेस में तेजी आएगी और जल्द से जल्द मुआवजा मिल सकता है।
4. क्लेम पाने के लिए एप्लीकेशन में सही-सही जानकारी ही भरें क्योंकि फॉर्म जमा होने के बाद इश्योरर की एक टीम मौके का मुआयना करती है और हादसे से जुड़े साक्ष्य भी जमा करती है। अगर बताई गई जानकारी में अंतर पाया जाता है तो क्लेम खारिज होनी की बहुत संभावना हो जाती है।
5. हादसे के वक्त जो भी गाड़ी का चालक हो, उसके पास लाइसेंस होना जरूरी है और उसने किसी प्रकार का नशा न कर रखा हो।
6. गाड़ी की क्षमता से ज्यादा सवारियां उसमें सफर न कर रही हों। सरकारी नियमों के मुताबिक सेडान कार में 4 यात्रियों के बैठने की अनुमति है, ऑटोरिक्शा में 3 सवारियां, दोपहिया वाहन पर दो ही लोग सफर कर सकते हैं। अगर जांच टीम यह पाती है कि हादसे के वक्त गाड़ी की क्षमता से ज्यादा सवारियां थीं तो क्लेम खारिज हो सकता है। चालक की कोई गलती न हो लेकिन वाहन के ओवरलोडेड होने के सबूत मिलने पर क्लेम खारिज हो सकता है।
7. जांच के बाद टीम कैशलेस या भरपाई मुआवजा चुन सकती है। कैशलेस के मामले में वाहन को इंश्योरर से संबद्ध किसी गैरेज में रिपेयर कर दिया जाता है और रेंबर्समेंट के मामले में वाहन को किसी भी गैरेज में सही कराकर उसके बिल इंश्योरेंस कंपनी में जमा करने पड़ते हैं। ध्यान रहे कि जांच से पहले वाहन की मरम्मत कतई न कराएं, नहीं तो उसका क्लेम खारिज होने की संभावना बन जाती है।