एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर बचाई पर्वतारोही की जान
देहरादून: सतोपंथ पर्वत आरोहण को गई एसडीआरएफ की हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम ने यात्रा के दौरान एक पर्वतारोही की जान भी बचाई। आइजी एसडीआरएफ ने पर्वतारोही की जान बचाने वाली टीम को प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदक के लिए नामित किया है।
आइजी एसडीआरएफ संजय कुमार गुंज्याल ने बताया कि पांच जून को टीम सतोपंथ चोटी की चढ़ाई कर रही थी। तभी सूचना मिली कि वासुकी ताल से आठ किलोमीटर आगे करीब 5200 मीटर की ऊंचाई पर छह सदस्यीय पर्वतारोही दल का एक पर्वतारोही प्रयांग चौधरी (24 वर्ष) निवासी नोएडा एडवांस बेस कैंप व कैंप एक के मध्य मौजूद सुराले ग्लेशियर में 50 फीट गहरे क्रैवास में गिर गया है।
इस पर एसडीआरएफ की हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम ने विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी साहस का परिचय देते हुए अत्याधुनिक हाई माउंटेनियरिंग रेस्क्यू उपकरणों का प्रयोग कर प्रयांग को क्रैवास से बाहर निकाला। चोटिल पर्वतारोही को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया।
अत्यधिक विषम परिस्थिति में किए गए इस सराहनीय रेस्क्यू को देखते हुए एसडीआरएफ टीम के सदस्यों का नाम प्रधानमंत्री जीवन रक्षक पदक हेतु नामित किया जा रहा है।
रेस्क्यू टीम में उप निरीक्षक सतीश कुमार शर्मा, कांस्टेबल सूर्यकांत उनियाल, फायरमैन रवि चौहान, फायरमैन प्रवीण सिंह, कांस्टेबल विरेंदर प्रसाद काला और कांस्टेबल सुशील कुमार शामिल थे।
पुलिस ने फतह की सतोपंथ की 7075 मीटर ऊंची चोटी
एसडीआरएफ की हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम (हार्ट) ने बुधवार को 7075 मीटर ऊंची सतोपंथ चोटी फतह कर ली। उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला मौका है, जबकि किसी टीम ने इतनी ऊंचाई वाली चोटी पर झंडा फहराया, बल्कि ऐसी जगहों पर आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य का कौशल भी हासिल किया।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार 18 मई को 17 सदस्यीय दल को सतोपंथ चोटी फतह करने के लिए रवाना किया था। जिसके बाद 10 जून को हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम के सदस्य आइजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल, उप सेनानायक नवनीत सिंह भुल्लर पर्वतारोहण के लिए रवाना हुए।
एसडीआरएफ ने बताया कि इससे पूर्व वर्ष 2015 में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी, 6100 मीटर ऊंची कालिंदी, 6575 मीटर ऊंची कुल्लू पुमोरी, 6133 मीटर ऊंची श्रीकंठ और 5670 मीटर ऊंची डीकेडी चोटी पर पुलिस टीमें आरोहण कर चुकी हैं।